
नेपीटाव/बैंकॉक। म्यांमार में आए भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत होने की खबर है। थाईलैंड के बैंकॉक में 6 लोगों की मौत हुई है। 22 लोग घायल हुए हैं और करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। म्यांमार में आज फिर भूकंप का झटका लगा। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। वहीं, चीन में भी भूकंप आने की खबर है। अफगानिस्तान में भी आज 4.7 तीव्रता का भूकंप आया है। इस तरह देखा जाए, तो बीते दो दिन से एशिया में धरती लगातार कांप रही है। म्यांमार में आए भूकंप के बाद ये अंदेशा भी है कि भारत में भी भूकंप का झटका लग सकता है।
At Mandalay General Hospital, the wards are filled with patients and people injured by the earthquake are awaiting treatment on the hospital compound, according to an individual at the scene.
“From the entrance to the hospital, all I could see was patients scattered everywhere,”… pic.twitter.com/m8g4OPqXrm
— Myanmar Now (@Myanmar_Now_Eng) March 28, 2025
म्यांमार की सैन्य सरकार ने सभी देशों से मदद मांगी है। भारत ने शुक्रवार को ही 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी है। चीन और रूस की तरफ से खोजी दल भी म्यांमार भेजे गए हैं। ये खोजी दल मलबे में दबे लोगों की तलाश करेंगे। म्यांमार में विनाशकारी 7.7 तीव्रता के भूकंप से कई पुल ढहने की खबर है। जगह-जगह सड़कों पर बड़ी दरारें पड़ गई हैं। तमाम मकान और बौद्ध स्तूप को भी विनाशकारी भूकंप ने जमींदोज कर दिया है। वहीं, पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई मकानों को भूकंप से नुकसान पहुंचा और एक बन रही बहुमंजिला बिल्डिंग भी धराशायी हो गई।
🇮🇳 dispatches first tranche of urgent humanitarian aid for the people of Myanmar. @IAF_MCC C-130 is carrying blankets, tarpaulin, hygiene kits, sleeping bags, solar lamps, food packets and kitchen set. A search & rescue team and medical team is also accompanying this flight.… https://t.co/ONzOsHFSp2 pic.twitter.com/0p3OtTIlj5
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 29, 2025
म्यांमार के मांडले शहर के पास जमीन से 10 किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र था। सबसे पहले 7.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ देर बाद ही फिर धरती डोली और 7.7 तीव्रता के भूकंप ने विनाश को और बढ़ा दिया। मांडले से 900 किलोमीटर दूर बैंकॉक में भी काफी नुकसान हुआ। म्यांमार में पहले भी कई बड़े भूकंप हो चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक 1930 से 1956 के बीच म्यांमार की धरती के नीचे सागाइंग फॉल्ट के कारण 7 की तीव्रता के 6 भूकंप दर्ज किए गए थे। धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट हैं। ये टेक्टोनिक प्लेट जब आपस में टकराते हैं, तो भूकंप आते हैं। टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से ही हिमालय के पहाड़ भी बने हैं।