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Myanmar And Bangkok Earthquake: म्यांमार में भूकंप से सैकड़ों लोगों की गई जान, बैंकॉक में 100 के करीब लापता; भारत समेत कई देशों ने भेजी राहत

Myanmar And Bangkok Earthquake: चीन में भी भूकंप आने की खबर है। अफगानिस्तान में भी आज 4.7 तीव्रता का भूकंप आया है। इस तरह देखा जाए, तो बीते दो दिन से एशिया में धरती लगातार कांप रही है। म्यांमार में आए भूकंप के बाद ये अंदेशा भी है कि भारत में भी भूकंप का झटका लग सकता है। भारत में भी पहाड़ी राज्यों समेत कई इलाकों में पहले भी भूकंप के तेज झटके लगते रहे हैं। गुजरात के भुज में भी विनाशकारी भूकंप आ चुका है। महाराष्ट्र में भी कई बार भूकंप के झटके लगे हैं।

नेपीटाव/बैंकॉक। म्यांमार में आए भूकंप से सैकड़ों लोगों की मौत होने की खबर है। थाईलैंड के बैंकॉक में 6 लोगों की मौत हुई है। 22 लोग घायल हुए हैं और करीब 100 लोग लापता बताए जा रहे हैं। म्यांमार में आज फिर भूकंप का झटका लगा। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। वहीं, चीन में भी भूकंप आने की खबर है। अफगानिस्तान में भी आज 4.7 तीव्रता का भूकंप आया है। इस तरह देखा जाए, तो बीते दो दिन से एशिया में धरती लगातार कांप रही है। म्यांमार में आए भूकंप के बाद ये अंदेशा भी है कि भारत में भी भूकंप का झटका लग सकता है।

म्यांमार की सैन्य सरकार ने सभी देशों से मदद मांगी है। भारत ने शुक्रवार को ही 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी है। चीन और रूस की तरफ से खोजी दल भी म्यांमार भेजे गए हैं। ये खोजी दल मलबे में दबे लोगों की तलाश करेंगे। म्यांमार में विनाशकारी 7.7 तीव्रता के भूकंप से कई पुल ढहने की खबर है। जगह-जगह सड़कों पर बड़ी दरारें पड़ गई हैं। तमाम मकान और बौद्ध स्तूप को भी विनाशकारी भूकंप ने जमींदोज कर दिया है। वहीं, पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई मकानों को भूकंप से नुकसान पहुंचा और एक बन रही बहुमंजिला बिल्डिंग भी धराशायी हो गई।

म्यांमार के मांडले शहर के पास जमीन से 10 किलोमीटर नीचे भूकंप का केंद्र था। सबसे पहले 7.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ देर बाद ही फिर धरती डोली और 7.7 तीव्रता के भूकंप ने विनाश को और बढ़ा दिया। मांडले से 900 किलोमीटर दूर बैंकॉक में भी काफी नुकसान हुआ। म्यांमार में पहले भी कई बड़े भूकंप हो चुके हैं। आंकड़ों के मुताबिक 1930 से 1956 के बीच म्यांमार की धरती के नीचे सागाइंग फॉल्ट के कारण 7 की तीव्रता के 6 भूकंप दर्ज किए गए थे। धरती के नीचे टेक्टोनिक प्लेट हैं। ये टेक्टोनिक प्लेट जब आपस में टकराते हैं, तो भूकंप आते हैं। टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से ही हिमालय के पहाड़ भी बने हैं।