नई दिल्ली। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलंट और हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद डेफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। ICC के अनुसार, इन पर इजराइल और हमास के बीच युद्ध के दौरान युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप है। कोर्ट ने नेतन्याहू के खिलाफ जांच कराने का भी आदेश दिया है।
इजराइल और हमास का प्रतिक्रिया
इस मामले पर इजराइल और हमास दोनों ने ICC के आरोपों को खारिज कर दिया है। इजराइल ने कहा कि इन वारंटों का कोई कानूनी आधार नहीं है, जबकि हमास ने इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया है। हालांकि, हमास ने नेतन्याहू के खिलाफ वारंट जारी होने पर खुशी भी जताई है।
इजराइली सेना ने दावा किया कि मोहम्मद डेफ जुलाई में गाजा पर हुए हवाई हमले में मारे जा चुके हैं।
🇺🇳🇮🇱🇵🇸🚨‼️ BREAKING: THE ICC ISSUED ARREST WARRANTS FOR NETANYAHU AND GALLANT!
That day finally came! The international criminal court did not back down. Wow pic.twitter.com/RTs27S4OMH
— Lord Bebo (@MyLordBebo) November 21, 2024
नीदरलैंड करेगा फैसले पर अमल
नीदरलैंड सरकार ने कहा है कि वह ICC के वारंट के अनुसार कार्रवाई करने के लिए तैयार है। रिपोर्ट्स के अनुसार, नीदरलैंड नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकता है। गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से नीदरलैंड सरकार ने इजराइल की निंदा की है। अगर ऐसा होता है, तो यह नेतन्याहू के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
किस मामले में जारी हुआ वारंट
ICC की जांच में पाया गया कि इजराइल के प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों को जानबूझकर मारने और अंतरराष्ट्रीय मानवीय मदद को रोकने का आदेश दिया था, जिससे वहां भुखमरी की स्थिति बनी। कोर्ट ने यह भी पाया कि नेतन्याहू ने युद्ध के बहाने फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्याएं करवाईं और गाजा को पूरी तरह तहस-नहस करने का आदेश दिया। इन सभी तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
🔔ICC ISSUES ARREST WARRANTS FOR NETANYAHU AND GALLANT
The warrants are for alleged war crimes and crimes against humanity related to the war in Gaza that Israeli launched following the 7 October attacks. pic.twitter.com/VySqpaRnLb
— James Goddard (@JamesPGoddard90) November 21, 2024
फैसले का प्रभाव
ICC अपने फैसले को सभी सदस्य देशों को भेजेगी, लेकिन यह वारंट सिर्फ एक सलाह के रूप में माना जाएगा। सदस्य देश इसे मानने के लिए बाध्य नहीं हैं, क्योंकि हर देश अपनी आंतरिक और विदेश नीति के अनुसार निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होता है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी कोर्ट ने यूक्रेन में नरसंहार के मामलों में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बावजूद, पुतिन ने कई देशों की यात्रा की।