नई दिल्ली। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना जो इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं उन्होंने तख्तापलट और आंदोलनकारियों के हमले की पूरी कहानी बताई है। एक ऑडियो टेप के माध्यम से हसीना ने उस दिन की पूरी घटना के बारे में बताया है। हसीना ने कहा कि अगर उस दिन अगर सरकारी आवास से निकलने में 20 मिनट देर हो जाती तो वो मेरे साथ मेरी बहन का भी आखिरी दिन हो सकता था। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के द्वारा उनका यह ऑडियो जारी किया गया है। उन्होंने अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि अगर अल्लाह उस दिन हमारे साथ ना होते तो हमें मार दिया जाता।
शेख हसीना ने अपने राजनीतिक विरोधियों पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया। अपने इस ऑडियो टेप में शेख हसीना ने साल 2004 में हुए उस ग्रेनेड हमले का भी जिक्र किया है जो उनको निशाना बनाते हुए किया गया था। उस हमले में हसीना बाल-बाल बच गई थीं, हालांकि उनको चोट जरूर आई थी। आपको बता दें कि 21 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में आंदोलनकारियों ने तख्तापलट को अंजाम दिया जिसके बाद शेख हसीना को अपनी जान बचाकर देश से भागना पड़ा। उन्होंने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई और तब से लेकर अभी तक वो भारत में सुरक्षित शरण लिए हुए हैं।
बांग्लादेश शेख हसीना के प्रत्यर्पण की लगातार कोशिश में लगा हुआ है। कुछ समय पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट भी रद्द कर दिया था। इसके बावजूद भारत सरकार ने हाल ही में शेख हसीना के वीजा के एक्सटेंड कर दिया है। उधर शेख हसीना की प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया ने भी हाल ही में बांग्लादेश छोड़ दिया और वो लंदन चली गई हैं। हालांकि खालिदा के लंदन जाने की वजह उनकी बीमारी का इलाज बताया जा रहा है कि मगर अचानक शेख हसीना का बांग्लादेश छोड़ना चर्चा का विषय बना हुआ है।