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Imran Khan: इमरान खान को तोशाखाना मामले में हुई 3 साल की जेल, तो अब PTI के चीफ पद से भी धोना पड़ गया हाथ

सनद रहे कि गिरफ्तारी से पहले इमरान खान ने एक वीडियो संदेश अपने समर्थकों के नाम जारी किया था। जिसमें वो अपने समर्थकों से यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आप लोगों को जम्हूरियत को बचाने के लिए जमीन पर उतरना होगा। मैं आप लोगों के लिए इस तानाशाही हुकूमत से लड़ रहा हूं।

नई दिल्ली। तोशाखाना मामले में सजायाफ्ता पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। दरअसल, उन्हें पीटीआई के चीफ पद से हटा दिया गया है। बता दें कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे वक्त में की गई है, जब उन्हें लाहौर हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में तीन साल की सजा सुनाई है। ध्यान दें कि इस साल 21 मई को इसी मामले में इमरान को दोषी भी करार दिया गया था जिसके विरोध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। वहीं, अब इमरान ने तोशाखाना मामले मे सुनाए गए सजा के विरोध में लाहौर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट में अपील दायर कर सजा पर रोक लगाने की मांग की है। सनद रहे कि कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है। वो चार सालों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके राजनीतिक करियर के लिए सबसे बड़ा झटका बताया जा रहा है।

सनद रहे कि गिरफ्तारी से पहले इमरान खान ने एक वीडियो संदेश अपने समर्थकों के नाम जारी किया था। जिसमें वो अपने समर्थकों से यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आप लोगों को जम्हूरियत को बचाने के लिए जमीन पर उतरना होगा। मैं आप लोगों के लिए इस तानाशाही हुकूमत से लड़ रहा हूं। उधऱ, बताया जा रहा है कि अब शहबाज शरीफ आगामी 8 अगस्त के बाद पाकिस्तान में नई सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। बीते दिनों इस संदर्भ में विस्तृत चर्चा करने के लिए शहबाज शरीफ ने अपने मंत्रियों को रात्रिभोज के लिए भी आमंत्रित किया था। आइए, आगे जानते हैं कि तोशाखाना मामला क्या है?

imran khan

दरअसल, पाकिस्तानी राजनेता जब किसी विदेश दौरे पर जाते हैं, तो उन्हें वहां से बेशकीमती तोहफे प्राप्त होते हैं, जिन्हें तोशाखाना में रखे जाने का नियम है। अब इमरान पर आरोप है कि उन्होंने इन तोहफे को महंगे दामों में दूसरे देशों को बेचकर उसने होने वाले लाभ को अपनी जेब में रखा है। हालांकि, इमरान अपने ऊपर लगाए जा रहे इन आरोपों को सिरे से खारिज कर इसे राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बता रहे हैं और खुद को निर्दोष बता रहे हैं, लेकिन अदालत में वो अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाए। शायद उसी का नतीजा है कि उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई है।