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अब केंद्र सरकार के इस विभाग से भी ड्रैगन को मिला तगड़ा झटका, प्रोजेक्ट के लिए चीनी कंपनियों को घोषित किया अयोग्य…

सीमा विवाद के बीच भारत सरकार (Indian Govt) ने चीन को बड़ा झटका दिया है। बता दें कि चीन (China) की नापाक चाल को एक बार फिर भारत ने विफल कर दिया है। लगातार तीसरी बार चालबाज चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की है, जिसका भारतीय सेना (Indian Army) ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।

नई दिल्ली। सीमा विवाद के बीच भारत सरकार (Indian Govt) ने चीन को बड़ा झटका दिया है। बता दें कि चीन (China) की नापाक चाल को एक बार फिर भारत ने विफल कर दिया है। लगातार तीसरी बार चालबाज चीन ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की है, जिसका भारतीय सेना (Indian Army) ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। सोमवार को पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन (India & China) के सैनिकों के बीच फिर झड़प हो गई है।  इसमें दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को डराने-धमकाने और पीछे धकेलने के लिए हवा में गोलीबारी की। यह घटना पैंगोंग त्सो (झील) के दक्षिणी तट के पास शेनपाओ पर्वत के पास हुई।

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सीमा विवाद की वजह से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) ने चीन की एक कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया है। दरअसल पश्चिम बंगाल (West Bengal) में गंगा नदी पर एक निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिरने के मामले वह कंपनी जिम्मेदार पाई गई थी। यही वजह है कि अब कंपनी अगले तीन साल तक NHAI की किसी भी परियोजना में भाग नहीं ले सकती है। इसी के साथ तीन अन्य कंसलटेंट (Consultants) को भी डिबार किया गया है।

India-China-relations

NHAI से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में एनएच 34 पर फरक्का से रानीगंज के हिस्से को फोर लेन सड़क में बदला जा रहा है और इसी हिस्से में गंगा नदी पर एक पुल बनाया जा रहा है। उसी पुल पर गार्डर लांचिंग के दौरान बीते 16 फरवरी को दुर्घटना हुई थी और दो लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में पुल के विशेषज्ञों से जांच करायी गई थी। जांच प्रक्रिया में ही चीन की यह कंपनी भी जिम्मेदार पाई गई।

PM Modi and jinping

NHAI के मुताबिक इस परियोजना को कार्यरूप दे रही चीन की कंपनी क्विंगदाओ कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग (Qingdao Construction Engineering) ग्रुप कंपनी लिमिटेड और घरेलू कंपनी आरकेईसी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (RKEC Projects Ltd) पर संयुक्त रूप से भविष्य में किसी परियोजना में भागीदार बनने से रोक लगा दी है।