वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद साफ कहा था कि वो अपने देश से अवैध प्रवासियों को चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे। ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है। इससे अवैध तौर पर अमेरिका गए प्रवासियों में हलचल है। एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में करीब 18000 भारतीय भी अवैध तरीके से पहुंचे। इनको भी वापस भेजा जा सकता है। अमेरिका में बिना वैध वीजा के पहुंचे भारतीयों के बारे में अब मोदी सरकार ने अपना रुख साफ किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को वॉशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों पर मोदी सरकार का रुख बताया।
Speaking to the press in Washington DC.
https://t.co/DJsRaAyXAJ— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 22, 2025
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत का हमेशा मानना है कि अगर हमारा कोई नागरिक अमेरिका में कानूनी तौर पर नहीं है, तो हम हमेशा उसको वैध तरीके से भारत वापस लेने के लिए तैयार हैं। जयशंकर ने कहा कि इस बारे में एक बहस चल रही है और संवेदनशीलता है। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बातचीत में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि भारत इस बारे में सैद्धांतिक और दृढ़ रहा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अवैध प्रवास का भारत मजबूती से विरोध करता है। ये किसी भी देश की इज्जत के हिसाब से अच्छा नहीं और इस तरह के प्रवास से कई अवैध गतिविधियां भी होती हैं।
अमेरिका में अवैध प्रवासियों में भारतीयों की संख्या तीसरी है। अमेरिका के अप्रवास और कस्टम संबंधी विभाग के मुताबिक वहां 2467 भारतीय डिटेंशन कैंप में हैं। वहीं, 17940 के पास अमेरिका आने का कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है। अमेरिका की सरकार ने साल 2024 में 1529 भारतीयों को अवैध प्रवासी होने के नाते वापस भी भेजा था। अमेरिका में अवैध प्रवास करने वालों में पहले स्थान पर पड़ोसी देश मेक्सिको के नागरिक हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर सल्वाडोर के लोग हैं।