
ग्लासगो। कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी आतंकियों और उनके समर्थकों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इन देशों में भारत के दूतावास, उच्चायोग और कोंसुलेट पर खालिस्तानी हमले तक कर चुके हैं। कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में खालिस्तानी आतंकी भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को बाकायदा पोस्टर लगाकर धमकी भी दे चुके हैं। अब ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला करने की कोशिश की। ये घटना स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हुई। खबर लिखे जाने तक ब्रिटिश सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त से हुई इस घटना पर कोई एक्शन नहीं लिया है।
ग्लासगो में किस तरह खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी पर हमले की कोशिश की, उसका वीडियो भी सामने आया है। विक्रम दोरईस्वामी ग्लासगो के गुरुद्वारा में एक आमंत्रण पर पहुंचे थे। उनकी कार जैसे ही गुरुद्वारा के सामने पहुंची, कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने घेर लिया। भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी कार में बैठे थे और खालिस्तानी उनकी कार का दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगे। खुद को खतरा देख विक्रम दोरईस्वामी को गुरुद्वारा जाए बगैर वहां से लौटना पड़ा। ब्रिटेन में हाल के दिनों में पहला मौका है, जब भारत के उच्चायुक्त पर इस तरह खालिस्तानी समर्थकों ने हमले की कोशिश की है। इससे पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग पर वे धावा बोल चुके हैं। भारत के उच्चायोग से झंडा तक उतारने की कोशिश की गई थी और तोड़फोड़ भी खालिस्तानी आतंकियों ने मचाई थी। देखिए भारतीय उच्चायुक्त से ग्लासगो में हुई घटना का वीडियो।
K-terrorists block entry of Indian ambassador to UK inside Glasgow gurudwara –
Gurdwara Comittee invites the Indian High Commissioner. K’s learn about it and reach the glasgow gurdwara and blocked his entry. Insulted the Comittee members.
They even tried to open the car door… pic.twitter.com/89f9Y1pIsD
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 30, 2023
ग्लासगो में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी पर हमले की कोशिश की ये घटना तब हुई है, जबकि ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने बीते दिनों साफ लहजे में कहा था कि वो अपने देश में किसी भी खालिस्तानी आंदोलन को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं। सवाल ये भी उठता है कि जब भारतीय उच्चायुक्त को खालिस्तानी आतंकियों और समर्थकों से खतरा है, तो ब्रिटेन की पुलिस ग्लासगो में विक्रम दोरईस्वामी को सुरक्षा क्यों नहीं दे सकी?