
हैमिल्टन। कनाडा के हैमिल्टन में भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की गोली लगने से मौत हो गई है। हरसिमरत रंधावा की उम्र 21 साल थी। हरसिमरत रंधावा कनाडा के ओंटारियो स्थित मेहॉक कॉलेज से पढ़ाई कर रही थीं। हैमिल्टन की पुलिस के अनुसार हरसिमरत रंधावा को गोली लगने की जानकारी मिलने के बाद वो मौके पर पहुंची। पुलिस ने पाया कि हरसिमरत रंधावा बेहोश थीं। उनके सीने में गोली लगी थी और खून बह रहा था। हरसिमरत रंधावा को हैमिल्टन पुलिस तुरंत अस्पताल ले गई। जहां इलाज के दौरान भारतीय छात्रा ने दम तोड़ दिया। पुलिस इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।
जानकारी के मुताबिक हरसिमरत रंधावा घर से बाहर आकर बस का इंतजार कर रही थीं। टोरंटो में भारतीय उच्चायोग ने बताया है कि गैंगवॉर की वजह से हरसिमरत को गोली लग गई। हैमिल्टन पुलिस के मुताबिक जब हरसिमरत रंधावा बस स्टॉप पर थीं, तब वहां दो गुटों के बीच फायरिंग होने लगी। दोनों गुट एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे थे। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को ये जानकारी मिली है कि एक काली कार में बैठे अपराधी की चलाई गोली हरसिमरत रंधावा को लगी। भारतीय उच्चायोग इस मामले में हरसिमरत रंधावा के परिवार से संपर्क में है। हरसिमरत रंधावा के शव को वापस भेजने के लिए तमाम जरूरी कदम जल्द से जल्द उठाए जा रहे हैं।
We are deeply saddened by the tragic death of Indian student Harsimrat Randhawa in Hamilton, Ontario. As per local police, she was an innocent victim, fatally struck by a stray bullet during a shooting incident involving two vehicles. A homicide investigation is currently…
— IndiainToronto (@IndiainToronto) April 18, 2025
बता दें कि कनाडा के कई इलाकों में अपराधी गिरोहों का बोलबाला है। पुलिस भी तमाम कार्रवाई इन गिरोहों के खिलाफ करती है, लेकिन हैमिल्टन में जिस तरह गैंगवॉर में हरसिमरत रंधावा की जान गई, उससे साफ हो जाता है कि पुलिस इन गिरोहों के खिलाफ कितनी प्रभावी है। मामला शाम का है और तब सन्नाटा भी नहीं रहता। ऐसे में गिरोह के लोग फायरिंग कर वहां से फरार होने में कामयाब हो जाते हैं, तो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठता ही है।