दमिश्क। पश्चिम एशिया में हमास बनाम इजरायल की जंग के और फैलने की आशंका पैदा हो गई है। इसकी वजह इजरायली सेना का एक बड़ा ऑपरेशन है। इजरायल की सेना ने सोमवार को सीरिया में एक ठिकाने पर हवाई हमला किया। इस हवाई हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के सीनियर कमांडर और लेबनान में ऑपरेशन के प्रभारी सैयद रजा मुसावी की जान चली गई। अखबार द यरुशलम पोस्ट की खबर के मुताबिक इजरायल के विमानों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के ग्रामीण इलाके में हवाई हमला किया था। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने मुसावी की मौत का बदला लेने की कसम खाई है।
⚡️Iranian Tasnim Agency: Sayyed Reza Mousavi, a prominent military commander in the #Iranian Revolutionary Guard, was martyred in the #Israeli bombing of the Sayyida Zeinab area in #Damascus. pic.twitter.com/PILXTSQX3J
— Middle East Observer (@ME_Observer_) December 25, 2023
द यरुशलम पोस्ट की खबर के मुताबिक इजरायल के लड़ाकू विमानों के बेड़े ने दमिश्क के बाहर स्थित सेट जैनब इलाके बर जमकर बम गिराए। यहां ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर का ठिकाना था। इसी ठिकाने को इजरायल के लड़ाकू विमानों ने निशाना बनाया। इसके अलावा दमिश्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी इजरायल के विमानों ने बम गिराए। बाद में पता चला कि सेट जैनब इलाके में जिस ठिकाने को इजरायल के विमानों ने निशाना बनाया था, वहां सैयद रजा मुसावी की जान चली गई। इसी से अब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध का खतरा पैदा हो गया है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने मुसावी की मौत की पुष्टि की है। ईरान ने मुसावी को सीरिया में वरिष्ठ सलाहकार बताया है।
ईरान के सरकारी प्रेस टीवी के मुताबिक जनवरी 2020 में अमेरिका के ड्रोन हमले में मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के प्रमुख कासिम सुलेमानी के करीबी लोगों में मुसावी थे। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड की एक कुद्स फोर्स है। सुलेमानी और सैयद रजा मुसावी का संबंध इसी कुद्स फोर्स से था। प्रेस टीवी को दिए बयान में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा है कि यहूदियों की सरकार को मुसावी की हत्या के अपराध की कीमत चुकानी होगी। रायसी ने कहा कि ये घटना यहूदी शासन की हताशा और अक्षमता का संकेत है। बता दें कि ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही है। इजरायल का आरोप है कि ईरान लगातार आतंकी संगठन हमास को सैनिक मदद करता है। लेबनान के हिजबुल्ला को भी ईरान से मदद मिलने का आरोप इजरायल लगाता है।