
नई दिल्ली। इजराइल और हमास के बीच जारी जंग में अब अमेरिका की भी एंट्री हो चुकी है। कल तक जुबानी तौर पर इजराइल का समर्थन करने वाला अमेरिका ने अपने सैनिकों को भी युद्धग्रस्त देश में भेजने का ऐलान कर दिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने दो टूक कह दिया है कि वो अपने हजारों सैनिकों को युद्धग्रस्त इजराइल में भेजने के लिए तैयार हैं। इस संदर्भ में बाकायदा अमेरिकी सैनिकों को निर्देश भी जारी किया जा चुका है। किसी भी वक्त अमेरिकी सेना अपने लावलश्कर के साथ इजराइल की सरमजीं पर दस्तक दे सकती है।
यकीन मानिए, अगर ऐसा हुआ तो यह अब तक का सबसे भयावह दौर होगा। हालांकि, अमेरिका युद्ध के पहले दिन से ही इजराइल के पक्ष में है। अमेरिका की ओर से इजराइल को एक या दो नहीं, बल्कि कई विमानवाहक युद्धपोत भी मुहैया कराए जा चुके हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में इजराइल को सैन्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जा चुकी है। बता दें कि बीते दिनों अमेरिकी रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री इजराइल गए थे और बेंजामिन नेतन्याहू से भी मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान उन्होंने इजराइल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया था। उस दौरान दोनों देशों के बीच विस्तारपूर्वक कई मुद्दों पर वार्ता हुई थी।
बहरहाल, अब आगामी दिनों में इजराइल की ओर से क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आइए उससे पहले जरा ये जान लेते हैं कि आखिर दोनों देशों के बीच इस युद्ध की शुरुआत कैसे हुई थी? दरअसल, बीते 7 अक्टूबर फिलिस्तीनी आतंकी हमास ने इजराइल पर 4 हजार से अधिक रॉकेट दागे थे। यह रॉकेट जल, थल और वायु मार्ग से दागे गए थे, जिसकी जद में आकर कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, जिसके बाद से ही दोनों देशों वर्तमान में युद्ध की विभीषिका झेल रहे हैं। ऐमे में आगामी दिनों में दोनों देशों की ओर से सामरिक मोर्चे पर क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।