यरुशलम। आतंकी संगठन हमास के खिलाफ गाजा में इजरायल का युद्ध जारी है। इजरायल ने गाजा पर बमबारी जारी रखी है। वहीं, समुद्री रास्ते से भी हमास को घेरा है। हवा, जमीन और समुद्र से गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल का हमला लगातार चल रहा है। अपुष्ट खबर ये है कि इजरायल की सेना गाजा के आधे हिस्से से महज 800 मीटर दूर है। इतना फासला इजरायल की सेना पूरी कर लेती है, तो वो गाजा को आधे में बांटने में कामयाब हो जाएगी। इससे हमास के खिलाफ जंग में बड़ा नतीजा निकलने के आसार हैं। इजरायल ने पहले ही गाजा में रहने वालों को कह दिया था कि वे उत्तरी इलाका छोड़कर दक्षिण में चले जाएं। इजरायल ने इसके बाद गाजा में हमास के ठिकानों और उसके कमांडरों को और बड़े पैमाने पर निशाना बनाना शुरू किया। इजरायल पर हमास ने 7 अक्टूबर को हमला बोला था। जिसके बाद इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू ने हमास को मिटाने का संकल्प लिया था और जंग का एलान किया था। हमास की तरफ से एंटी टैंक मिसाइल यूनिट के प्रमुख मोहम्मद असर को भी इजरायल ने मार गिराया है।
🔴 The IDF eliminated Muhammad A’sar, the Head of Hamas’ Anti-Tank Missile Unit in Gaza.
A’sar was responsible for all of Hamas’ anti-tank missile units throughout Gaza.
Under his command, numerous anti-tank missile attacks were carried out against civilians and IDF soldiers. pic.twitter.com/gx44VqIcNB
— Israel Defense Forces (@IDF) November 1, 2023
इजरायल ने दावा किया है कि 7 अक्टूबर को हमास के 3000 आतंकियों ने उसके खिलाफ हमले बोले। हमास के इन हमलों में 1400 से ज्यादा मारे गए और 4500 के करीब लोग घायल हुए। इजरायल ने आरोप लगाया है कि हमास के आतंकियों ने बच्चों को जिंदा जलाकर मारा। 144 बच्चे हमास के हमले में अपने माता-पिता को खो चुके हैं। वहीं, हमास का दावा है कि गाजा में इजरायल की बमबारी से अब तक 10000 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है। 18000 से ज्यादा लोगों के घायल होने का दावा हमास ने किया है। गाजा में इजरायल की जबरदस्त बमबारी से ज्यादातर जगह ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें जमीन में मिल चुकी हैं। जबालिया शरणार्थी कैंप पर भी इजरायल ने दो बार जबरदस्त बमबारी की। इससे तमाम लोगों की मौत हुई।
इस बीच, पड़ोसी देश जॉर्डन ने गाजा में फिलिस्तीन के नागरिकों की मौत के बाद इजरायल से अपना राजदूत वापस बुला लिया है। जॉर्डन ने इजरायल के राजदूत को भी देश छोड़कर जाने के लिए कहा है। अरब देशों में जॉर्डन पहला है, जिसने इजरायल के खिलाफ इस तरह का कदम उठाया है। माना जा रहा है कि अन्य अरब देश भी ऐसा ही कर सकते हैं। अरब देशों ने हालांकि, गाजा में इजरायल की बमबारी में फंसे फिलिस्तीन के नागरिकों को अपने यहां शरण देने का कोई फैसला अब तक नहीं किया है। सिर्फ मिस्र ने गाजा के घायल लोगों को अपने यहां इलाज कराने की छूट दी है।