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Israel War: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने UNIFIL बलों को लेबनान से हटाने की मांग की

Israel War: हाल ही में इजरायली रक्षा बलों (IDF) की गोलाबारी में दो शांति रक्षक घायल हो गए थे, जिसके बाद यह अपील की गई। शुक्रवार, 11 अक्टूबर को एक इजरायली हमले में UNIFIL के मुख्य आधार नाकौरा के पास स्थित एक पर्यवेक्षक टॉवर के पास यह घटना हुई। इसके अलावा, इजरायली बुलडोजर ने यूएन की स्थिति के पास एक बैरियर को गिरा दिया था।

नई दिल्ली। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से तत्काल अनुरोध किया है कि लेबनान के दक्षिणी इलाके में तैनात संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) को हिजबुल्लाह के ठिकानों और लड़ाई वाले क्षेत्रों से तुरंत बाहर निकाला जाए। नेतन्याहू ने अपने वीडियो बयान में कहा, “मैं सीधे यूएन महासचिव से अपील करता हूं कि वे UNIFIL बलों को खतरे से बाहर निकालें, यह तुरंत किया जाना चाहिए।”

हाल ही में इजरायली रक्षा बलों (IDF) की गोलाबारी में दो शांति रक्षक घायल हो गए थे, जिसके बाद यह अपील की गई। शुक्रवार, 11 अक्टूबर को एक इजरायली हमले में UNIFIL के मुख्य आधार नाकौरा के पास स्थित एक पर्यवेक्षक टॉवर के पास यह घटना हुई। इसके अलावा, इजरायली बुलडोजर ने यूएन की स्थिति के पास एक बैरियर को गिरा दिया था।


नेतन्याहू का कहना है कि शांति रक्षकों को उनके ठिकाने पर बनाए रखना हिजबुल्लाह के लिए मानव ढाल का काम करता है और इससे दोनों, शांति रक्षकों और इजरायली सैनिकों के लिए खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय नेता गलत दिशा में दबाव डाल रहे हैं और उन्हें हिजबुल्लाह पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो शांति रक्षकों का दुरुपयोग कर रहा है।

अमेरिका और यूरोप ने जताई चिंता

अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इजरायल से अपील की है कि शांति रक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हालांकि, नेतन्याहू ने उनके सुझावों को खारिज करते हुए कहा कि असली खतरा हिजबुल्लाह से है। आयरलैंड के रक्षा बलों के प्रमुख जनरल शॉन क्लांसी ने इजरायली हमले को जानबूझकर की गई कार्रवाई बताया और इसे संयोग मानने से इनकार किया।

इजरायल और संयुक्त राष्ट्र के बीच बढ़ा तनाव

7 अक्टूबर के बाद से इजरायल और संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस के बीच तनाव और बढ़ गया है। हाल ही में इजरायल के विदेश मंत्री इसराइल कट्ज ने गुटेरेस को “प्रति-अवांछनीय व्यक्ति” घोषित कर दिया और उन्हें इजरायल में प्रवेश से रोकने का ऐलान किया। एक सर्वेक्षण के अनुसार, 87% इजरायली जनता ने इस फैसले का समर्थन किया है।