वॉशिंगटन/यरुशलम। एक तरफ हमास को नेस्तनाबूद करने के लिए इजरायल को अमेरिका लगातार सैन्य मदद दे रहा है। ईरान के हमलों से भी बीते दिनों अमेरिका ने इजरायल को बचाया, लेकिन अब एक मसले पर अमेरिका और इजरायल के बीच तनातनी हो गई है। मामला नेत्जाह येहुदा बटालियन पर प्रतिबंध का है। नेत्जाह येहुदा बटालियन इजरायल की सेना की स्पेशल यूनिट है। इसके सैनिक प्रखर राष्ट्रवादी माने जाते हैं। जब कोई विशेष ऑपरेशन इजरायल को करना होता है, तो वो नेत्जाह येहुदा बटालियन के जवानों का ही इस्तेमाल करता है। हमास के आतंकियों के खिलाफ भी नेत्जाह येहुदा के जवान लगाए गए हैं।
अमेरिका की संसद ने इजरायल को 13 अरब डॉलर की एक नई सैन्य सहायता को मंजूरी दी है। वहीं, अमेरिका की जो बाइडेन सरकार ने कहा है कि वो इजरायल की सेना की नेत्जाह येहुदा बटालियन पर प्रतिबंध लगाने के बारे में विचार कर रही है। फिलिस्तीन के लोगों पर इजरायल की इस बटालियन की ओर से मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप है। अगर बाइडेन सरकार फैसला लेती है, तो पहली बार होगा कि इजरायल पर किसी तरह का प्रतिबंध अमेरिका की तरफ से लगाया जाएगा। अमेरिका की तरफ से प्रतिबंध लगाने की खबरों पर इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू भड़के हैं। अमेरिका की तरफ से इजरायल की सैन्य बटालियन पर संभावित प्रतिबंध के खिलाफ नेतनयाहू ने बयान दिया है। नेतनयाहू ने कहा है कि हमारे सैनिक आतंकवादियों से लड़ रहे हैं। इजरायली सेना की बटालियन पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के इरादे को उन्होंने बेतुका बताया।
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू ने कहा कि उनकी सरकार इस तरह के कदमों पर सभी जरूरी कार्रवाई करेगी। वहीं, इजरायल के वित्त मंत्री बेजेल स्मोट्रिच और इतामर बेन ग्विर ने भी अमेरिका की तरफ से सेना की बटालियन पर प्रतिबंध लगाने के इरादे को खतरे का संकेत करार देते हुए गंभीर बताया है। दोनों मंत्रियों ने कहा है कि नेत्जाह येहुदा बटालियन में शामिल सैनिकों की रक्षा करने की जरूरत है। रक्षा मंत्री योव गैलेंट से दोनों मंत्रियों ने इस प्रतिबंध के आगे न झुकने को कहा। अब सबकी नजर इस पर है कि अगर इजरायल की सेना की बटालियन पर अमेरिका प्रतिबंध लगाता है, तो इसका इजरायल की सरकार किस तरह जवाब देती है। बता दें कि बीते दिनों अमेरिका ने ये भी साफ कर दिया था कि अगर इजरायल की तरफ से ईरान पर सीधा हमला होता है, तो उसमें वो शामिल नहीं होगा। गाजा में मानवीय मदद के मसले पर भी अमेरिका और उसके दोस्त इजरायल के बीच काफी बयानबाजी देखी गई थी।