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Who Is Tomio Mizokami: जानिए कौन हैं तोमियो मिजोकामी, जिनसे पीएम मोदी ने जापान में की मुलाकात

तोमियो मिजोकामी हिंदी और पंजाबी के अलावा अंग्रेजी, बांग्ला, उर्दू, गुजराती, असमिया, मराठी, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, जर्मन और फ्रेंच भाषाएं जानते हैं। सिखों के प्रसिद्ध जपजी साहिब का उन्होंने जापानी भाषा में अनुवाद किया है। तोमियो मिजोकामी को पूरी दुनिया में अपने काम की वजह से प्रसिद्धि मिली हुई है।

हिरोशिमा। पीएम नरेंद्र मोदी जापान के दौरे पर हैं। वो हिरोशिमा शहर में जी-7 देशों और क्वॉड की बैठक में हिस्सा लेंगे। इन अहम बैठकों से अलावा पीएम मोदी विभिन्न देशों के शासनाध्यक्षों और खास लोगों से भी मुलाकात कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने आज सुबह जापान में नामचीन तोमियो मिजोकामी से भी मुलाकात की। तोमियो मिजोकामी को भारत ने पद्मश्री जैसे सम्मान से भी नवाजा है। तो चलिए आपको बताते हैं कि तोमियो मिजोकामी ने भारत के लिए क्या किया है और किस वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने उनसे जापान के दौरे में ये अहम मुलाकात की।

तोमियो मिजोकामी का जन्म 12 मई 1941 को हुआ था। वो विश्वयुद्ध का दौर और जापान पर हुए परमाणु हमलों के वक्त 4 साल के थे। फिलहाल वो जापान के ओसाका विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एमिरिटस हैं। साल 1983 में तोमियो मिजोकामी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पंजाबी भाषा में पीएचडी की। वो पंजाबी के अलावा हिंदी भाषा भी जानते हैं। जापान में हिंदी और पंजाबी भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए तोमियो मिजोकामी ने बहुत काम किया है। जून से अगस्त 1994 तक तोमियो मिजोकामी ने अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में भी ग्रीष्मकालीन कक्षाओं में पंजाबी भाषा पढ़ाई। जापान के ओसाका विश्वविद्यालय से वो 2007 में प्रोफेसर के पद से रिटायर हुए। नीचे की तस्वीर के बाद तोमियो मिजोकामी की और उपलब्धियों के बारे में जानिए।

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तोमियो मिजोकामी हिंदी और पंजाबी के अलावा अंग्रेजी, बांग्ला, उर्दू, गुजराती, असमिया, मराठी, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, जर्मन और फ्रेंच भाषाएं जानते हैं। सिखों के प्रसिद्ध जपजी साहिब का उन्होंने जापानी भाषा में अनुवाद किया है। भारतीय भाषाओं और साहित्य, शिक्षा को विदेश में बढ़ावा देने के लिए तोमियो मिजोकामी को साल 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा था।