ओटावा। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा पुलिस ने कथित हत्यारों को पकड़ने का दावा किया है। इनके नाम करन बरार, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह हैं। इन सभी के बारे में कनाडा की मीडिया का दावा है कि 2021 में आरोपी कनाडा पहुंचे थे। इनमें से कुछ के पास स्टूडेंट वीजा था, लेकिन इन्होंने कनाडा में पढ़ाई नहीं की। कनाडा की मीडिया का ये भी दावा है कि कथित हत्यारों का संबंध लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है। कनाडा पुलिस ने इससे पहले एक अन्य खालिस्तानी आतंकी सुखदूल उर्फ सुक्खा दुनुके की हत्या में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ बताया था।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सर्रे में कर दी गई थी। हरदीप सिंह निज्जर सर्रे में गुरुद्वारा से बाहर निकला था। तभी कुछ लोगों ने उसकी गाड़ी को घेर लिया था और फायरिंग की थी। इस फायरिंग में हरदीप सिंह निज्जर मौके पर ही मारा गया था। वहीं, हमलावर फरार हो गए थे। हरदीप सिंह निज्जर पर एनआईए ने 10 लाख के इनाम का एलान किया था। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत की एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया था और कनाडा से सबूत मांगे थे, लेकिन कनाडा अब तक भारत को निज्जर की हत्या में उसका हाथ होने के कोई सबूत नहीं दे सका है।
अब हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल कथित हत्यारों की गिरफ्तारी से बड़ा सवाल एक बार फिर उठ रहा है कि करीब एक साल बाद इनकी गिरफ्तारी क्यों हुई? कनाडा पुलिस ने पहले कहा था कि हत्यारों पर उसकी नजर है। अगर कनाडा की पुलिस की नजर हत्यारों पर थी, तो उनको पहले ही गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? सवाल ये भी है कि अगर निज्जर के कथित हत्यारे स्टूडेंट वीजा पर कनाडा पहुंचे और वहां उन्होंने एडमिशन नहीं लिया, तो इस पर कनाडा की सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया? सवाल ये भी है कि निज्जर की हत्या में अगर ये सभी शामिल हैं, तो वे कनाडा से फरार क्यों नहीं हुए और वहां आराम से क्यों रहते रहे? और सबसे अहम सवाल तो ये है कि अगर हत्यारों का संबंध गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से है, तो भारत ने कैसे हत्या कराई? क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई को तो खुद भारत में ही गिरफ्तार करके रखा गया है। फिलहाल कनाडा की सरकार इन सभी सवालों का जवाब नहीं दे रही है। भारत के खिलाफ सबूत तो वो पहले ही नहीं दे पाई है।