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Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थन का आरोप लगाकर दर्जनों टीचरों को घोषित किया गया अवांछित, सैकड़ों छात्र भी सस्पेंड

Bangladesh: शेख हसीना सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद बांग्लादेश की कई और यूनिवर्सिटी से टीचरों और छात्रों को भी सस्पेंड किया गया। ढाका यूनिवर्सिटी ने बीते सोमवार को ही 128 छात्रों को सस्पेंड किया है। इन सभी पर शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमले का आरोप लगाया गया है। सस्पेंड होने वाले छात्रों में से ज्यादातर शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग के सदस्य रहे हैं।

ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद तमाम खबरें आई थीं कि हिंदू टीचरों से छात्रों ने जबरन इस्तीफा लिखवा लिया। अब ताजा खबर ये है कि बांग्लादेश की राजधानी की ढाका यूनिवर्सिटी में कई टीचर क्लास नहीं ले पा रहे। बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम आलो की खबर के मुताबिक ढाका यूनिवर्सिटी के इन टीचरों को पढ़ाने से रोक दिया गया है। इन टीचरों पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने शेख हसीना की तरफदारी की। प्रोथोम आलो की खबर कहती है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ढाका यूनिवर्सिटी के 50 प्रोफसर को अवांछित घोषित किया है। बांग्लादेश सरकार की तरफ से टीचरों को अवांछित घोषित करने के साथ ही उन पर जांच भी बिठाई गई है।

ढाका यूनिवर्सिटी ने अवांछित घोषित टीचरों के लिए जो जांच कराई, उसे कई महीने हो चुके, लेकिन टीचरों के पढ़ाने पर रोक जारी है। प्रोथोम आलो की खबर के मुताबिक शेख हसीना सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद बांग्लादेश की कई और यूनिवर्सिटी से टीचरों और छात्रों को भी सस्पेंड किया गया। ढाका यूनिवर्सिटी ने बीते सोमवार को  ही 128 छात्रों को सस्पेंड किया है। इन सभी पर शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर हमले का आरोप लगाया गया है। सस्पेंड होने वाले छात्रों में से ज्यादातर शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग के सदस्य रहे हैं। बांग्लादेश छात्र लीग को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बैन कर चुकी है।

बांग्लादेश में छात्रों ने मई 2024 से आंदोलन छेड़ा था। तब शेख हसीना पीएम थीं। शेख हसीना सरकार की ओर से आरक्षण पर बनाए गए कानून के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन किया था। ये आंदोलन उग्र भी हुआ। आंदोलन के दौरान 400 के करीब लोगों की जान गई। फिर अगस्त 2024 में हालात बिगड़ने पर शेख हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ पलायन कर भारत आ गई थीं। जिसके बाद कुछ दिन सेना ने बांग्लादेश की सत्ता संभाली। जिसके बाद नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार बनाकर बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इस अंतरिम सरकार के सत्ता संभालने के बाद बांग्लादेश में कई जगह अल्पसंख्यक हिंदुओं, ईसाई और बौद्धों पर जमकर अत्याचार भी हुए।