ल्हासा। तिब्बत और नेपाल की सीमा पर मंगलवार सुबह आए भीषण भूकंप से हुए विनाश की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 7.1 तीव्रता के भूकंप से तिब्बत में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है। इस भूकंप में तिब्बत में दर्जनों लोगों की मौत हुई है। घायलों की संख्या भी बहुत है। तिब्बत के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं। इन वीडियो में दिख रहा है कि वहां भूकंप ने कितनी तबाही मचाई है। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से 93 किलोमीटर दूर तिब्बत में था। इसी इलाके में एवरेस्ट और खुम्बू ग्लेशियर हैं। सुबह भूकंप आने के कारण लोगों को बचने का मौका नहीं मिला।
CCTV footage shows the destruction caused by the powerful earthquake in Dingri County, Shigatse City in Tibet. pic.twitter.com/p0bsYVBqEJ
— AZ Intel (@AZ_Intel_) January 7, 2025
Strong 7.0 earthquake that hit Tibet region made significant damage.
Earthquake was widely felt in Nepal and India.#earthquake #sismo #temblor pic.twitter.com/eKVICcvWB0— Disasters Daily (@DisastersAndI) January 7, 2025
तिब्बत और नेपाल की सीमा पर आया भूकंप इतना जबरदस्त था कि इससे भारत में पश्चिम बंगाल के मालदा समेत उत्तरी इलाके, बिहार के कुछ इलाके और सिक्किम तक जोर के झटके लगे। पड़ोसी देश नेपाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। चीन की एजेंसी के अनुसार वहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई। सुबह आए भूकंप के बाद कई और झटके भी लगने की खबर है। इन झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4 से 5 के बीच रही। तिब्बत, नेपाल और भारत में तमाम जगह भूकंप आते रहते हैं। इनमें से कई बहुत ही विनाशकारी रहे हैं और हजारों की जान भूकंप में गई है।
#WATCH | Kathmandu | An earthquake with a magnitude of 7.1 on the Richter Scale hit 93 km North East of Lobuche, Nepal at 06:35:16 IST today: USGS Earthquakes pic.twitter.com/MnRKkH9wuR
— ANI (@ANI) January 7, 2025
नेपाल में इससे पहले 25 अप्रैल 2015 को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। उस भूकंप के कारण नेपाल में 8964 लोगों की मौत हुई थी। जबकि, करीब 22000 लोग घायल हुए थे। नेपाल में आए इस विनाशकारी भूकंप के कारण बहुत सारी प्राचीन इमारतें भी ढह गई थीं। 8 लाख के करीब घर और अन्य ढांचे भी नेपाल में आए इस प्रलयंकारी भूकंप में नष्ट हुए थे। नेपाल में आए इस भूकंप का इतना असर पड़ा था कि भारत, चीन और बांग्लादेश में 250 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। 2015 में भी नेपाल में सुबह के वक्त ही भूकंप आया था। इसकी वजह से लोगों को बचने का मौका कम ही मिला और बड़ी संख्या में मौतें हुईं। इस बार तिब्बत में भी ऐसा ही हुआ है।