नई दिल्ली। यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बचाने में उसकी मां हरसंभव प्रयास कर रही हैं। निमिषा प्रिया पर यमन के नक नागरिक की हत्या का आरोप है जिसके लिए उसे सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई है। निमिषा की मां ने भारत सरकार से गुहार लगाते हुए निमिषा को फांसी से बचाने की मांग की थी। इस मामले में अब भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से भी बयान जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि वो इस मामले में हर संभव मदद करेगा।
Our response to media queries regarding the case of Ms. Nimisha Priya:https://t.co/DlviLboqKG pic.twitter.com/tSgBlmitCy
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 31, 2024
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमें यमन में रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले की पूरी जानकारी है और सरकार के द्वारा निमिषा की मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार निमिषा को मौत की सजा से बचाने के विकल्पों पर भी विचार कर रही है। निमिषा की मां प्रेमा कुमारी इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना पहुंची थीं तब से वह वहीं रहकर निमिषा को बचाने के प्रयास में जुटी हैं।
निमिषा के साथ क्या हुआ?
मूल रूप से केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया यमन के सना में 2011 से रह रही हैं। 2015 में निमिषा ने सना में अपना क्लिनिक खोलने के लिए वहां के निवासी और साथ काम करने वाले तलाल अब्दो महदी से मदद मांगी थी। तलाल के साथ मिलकर निशा ने क्लीनिक तो खोल लिया लेकिन तलाल ने फंड में हेराफेरी शुरू कर दी। इतना ही नहीं उसने निशा का पासपोर्ट भी गायब कर दिया और उसकी शादी की फोटो से छेड़छाड़ करके उसे अपनी बीवी बताने लगा। तलाल के पास से अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए निमिषा ने एक दिन उसे नशे का इंजेक्शन दे दिया लेकिन उसमें डोज़ ज्यादा होने के चलते उसकी मौत हो गई। इसी मामले में निमिषा को सजा ए मौत की सजा सुनाई गई है। यमन के राष्ट्रपति ने भी निमिषा की माफी की अर्जी को खारिज कर दिया है।