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Happy Birthday Mother Teresa: ‘बीसवीं सदी की फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ कही जाने वाली मदर टेरेसा का जन्मदिन आज, शांति के लिए ‘नोबेल पुरस्‍कार’ से भी की गई थी सम्‍मानित

Happy Birthday Mother Teresa: मदर टेरेसा को ‘बीसवीं सदी की फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ भी कहा जाता है।आइए जानते हैं उनके कुछ प्रेरक विचार के बारें में

नई दिल्ली। कहते है दुनिया में अपने लिए तो सब जीते है, लेकिन जो अपने स्वार्थ को पीछे छोड़ दूसरों के लिए काम करता है, वही महान कहलाता है। ऐसे व्यक्तियों का पूरा जीवन प्रेरणादायक होता है, इन्हें मरने के बाद भी लोग दिल से याद करते है। ऐसीं हीं एक महान हस्ती का नाम है मदर टेरेसा। शांति के लिए नोबेल पुरस्‍कार से सम्‍मानित की गई मदर टेरेसा का आज यानी 26 अगस्‍त को जन्‍मदिन है। अपना पूरा जीवन गरीबों, लाचारों, बेसहारा और मानवता की सेवा में समर्पित करने वाली संत मदर टेरेसा का जन्‍म साल 1910 में मैकेडोनिया में हुआ था। वे एक कैथोलिक नन थीं, जिन्‍होंने साल 1948 में भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली थी। मदर टेरेसा अपने बेहतरीन विचारों और समाज सेवा के लिए भी दुनियाभर में पहचानी जाती रही हैं। 20वीं सदी में जन्म लेने वाले लोगों को सदा इस बात का गुरूर रहेगा कि उन्होंने उस दौर में जीवन जिया है, जिसमें मदर टेरेसा जैसी महान विभूति इस दुनिया में थीं। मदर टेरेसा को ‘बीसवीं सदी की फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ भी कहा जाता है।आइए जानते हैं उनके कुछ प्रेरक विचार के बारें में-

मदर टेरेसा के अनमोल वचन

निस्वार्थ भाव, दया, भाव, प्रेम की मूर्ती मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में लगा दिया। मदर टेरेसा के अंदर अपार प्रेम था, जो किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि हर उस इन्सान के लिए था, जो गरीब, लाचार, बीमार, जीवन में अकेला महसूस करता था। महज 18 साल की उम्र से ही नन बनकर उन्होंने अपनी लाइफ को एक नयी दिशा दे दी थी। मदर टेरेसा भारतवासी नहीं थी, लेकिन जब वे भारत पहली बार आई तो यहाँ के लोगों का प्रेम भाव देख कर उनसे प्रेम कर बैठी, जिसके बाद उन्होंने यही अपना जीवन बिताने का फैसला लिया। उन्होंने भारत के लिए अभूतपूर्व कार्य किये है।

मदर टेरेसा की फैमिली

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को हुआ था, इनका नाम अगनेस गोंझा बोयाजिजू था। इनके पिता एक व्यवसायी थे, जो काफी धार्मिक स्वभाव के थे, वे हमेशा अपने घर के पास वाले चर्च जाया करते थे, और येशु के अनुयायी थे। साल 1919 को इनकी मौत हो गई, जिसके बाद मदर टेरेसा को उनकी माता ने पाला था। पिता के निधन के बाद मदर टेरेसा के परिवार को आर्थिक परेशानी से गुजरना पड़ा। लेकिन उनकी माता ने बचपन से ही मदर टेरेसा को अच्छी शिक्षा दी थी। उन्होंने उन्हें हमेशा मिल बाँट कर खाने की शिक्षा दी। उनकी मां का कहना था, जो कुछ भी मिले उसे सबके साथ बाँट कर खाओ। कोमल और साफ मन की मदर टेरेसा अपनी माँ से पूछती वह कौन लोग है, किन लोगों के साथ हम मिल बाँट कर खाएं? तब उनकी मां बोलती है कभी हमारे रिश्तेदार तो कभी वे सभी लोग जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। अपनी मां की ये बात अगनेस के कोमल मन में घर कई गई, और उन्होंने इसे अपने जीवन में स्वीकार कर लिया इसी के चलते वे आगे चलकर मदर टेरेसा बन गई।