माले। हिंद महासागर इलाके में भारत की टेंशन बढ़ सकती है, क्योंकि चीन समर्थक मोहम्मद मुइज मालदीव के राष्ट्रपति चुने गए हैं। मोहम्मद मुइज ने प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। उनके विपक्ष में मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह थे। सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है। मोहम्मद मुइज ने बड़े अंतर से सोलिह को हरा दिया। माले के मेयर पद को संभाल रहे मोहम्मद मुइज को 53 फीसदी वोट मिले। जबकि, इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को 46 फीसदी लोगों ने वोट दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद मुइज को मालदीव का नया राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है। मोहम्मद मुइज चीन से मजबूत संबंधों पर जोर दे चुके हैं।
मुइज के मालदीव का राष्ट्रपति बनने पर भारत का चिंतित होना स्वाभाविक है। इसकी वजह मुइज की भारत के दुश्मन चीन से करीबी है। साथ ही मोहम्मद मुइज ने चुनाव जीतने के बाद भारत से रिश्तों को कम करने का वादा भी किया था। उन्होंने कहा था कि चीन से रिश्ते मजबूत करेंगे। चीन समर्थक राष्ट्रपति रहे अब्दुल्ला यामीन की सरकार में मोहम्मद मुइज निर्माण मंत्री थे। यामीन के जेल जाने के बाद मुइज ही पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे। ऐसे में चीन से नजदीकी और भारत से दूरी बनाने की साफ बात से हिंद महासागर में भारत को फिर से सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
मालदीव की जनता ने लंबे अर्से बाद चीन से करीबी रखने वाले नेता को अपने देश का नया राष्ट्रपति चुना है। मालदीव में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए 2 बार वोट डाले गए थे। पहले 8 सितंबर को हुई वोटिंग में मोहम्मद मुइज या इब्राहिम मोहम्मद सोलिह में से किसी को भी 50 फीसदी वोट नहीं मिले थे। इसके बाद शनिवार को दोबारा वोटिंग हुई थी। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद मोहम्मद मुइज ने भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में कैद पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को रिहा करने की बात कही। अब्दुल्ला यामीन को कोर्ट ने 11 साल कैद की सजा सुनाई थी। मालदीव का राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मुइज ने बयान जारी कर कहा कि देश का भविष्य बेहतर होगा और संप्रभुता को सुनिश्चित करने की कोशिश को मजबूती मिलेगी। वहीं, निवर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मुइज को बधाई दी।