वॉशिंगटन। अमेरिका की सरकार ने बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने में अपना हाथ होने से साफ इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के आवास व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन ज्यां पियरे ने मीडिया के सवालों पर कहा कि हमारा इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो हुआ, उसमें अमेरिका का हाथ होने के बारे में जो अफवाह चल रही है, वो गलत है। करीन ज्यां पियरे ने कहा कि अमेरिका की सरकार मानती है कि वहां की सरकार के बारे मे बांग्लादेश की जनता ही फैसला करे। जो भी आरोप अमेरिका पर लग रहे हैं, वे सच नहीं हैं।
#WATCH | Bangladesh issue | White House Press Secretary, Karine Jean Pierre says, “We have had no involvement at all. Any reports that the United States govt was involved in these events are rumours and are simply false. This is a choice for and by the Bangladeshi people. We… pic.twitter.com/2NypQ4fZwt
— ANI (@ANI) August 12, 2024
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों के बारे में अमेरिका का क्या कहना है, ये भी सुन लीजिए। अमेरिका ने इस बारे में सिर्फ ये कहा है कि हालात पर उसकी नजर है। यानी एक तरह से अमेरिका की जो बाइडेन सरकार बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हुए हमलों पर सख्त प्रतिक्रिया देने से बचती नजर आ रही है।
#WATCH | On the protests outside the White House against the recent attacks on Hindus in Bangladesh, White House Press Secretary, Karine Jean Pierre says, “We are certainly going to continue monitoring the situation. I don’t have anything else to say or to add beyond that. When… pic.twitter.com/bDAhUN6mDw
— ANI (@ANI) August 12, 2024
बांग्लादेश में जून के महीने में हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद छात्रों का आंदोलन शुरू हुआ था। आरक्षण के खिलाफ ये आंदोलन जुलाई में हिंसक हो गया। जुलाई में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान बांग्लादेश में इतनी जबरदस्त हिंसा हुई कि 200 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इनमें एक ही थाने के 16 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अगस्त की शुरआत में आंदोलनकारियों ने और उग्र रूप लिया। इस दौरान 4 अगस्त को ढाका समेत कई जगह जबरदस्त हिंसा का तांडव देखने को मिला। पीएम रहीं शेख हसीना ने बांग्लादेश की सेना को उपद्रवियों पर कंट्रोल करने के आदेश दिए। बांग्लादेश की सेना के प्रमुख जनरल जमान ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से सेना ने कहा कि उनको 45 मिनट में देश छोड़कर जाना होगा। शेख हसीना अपनी बहन के साथ ढाका छोड़कर भारत आ गईं। इसके बाद ही एक खबर ने फिर जोर पकड़ा कि शेख हसीना ने कहा था कि अमेरिका उनसे बांग्लादेश का सेंट मार्टिन द्वीप चाह रहा था। इससे अफवाहों का बाजार गर्माया कि हो न हो अमेरिका ने ही शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट कराने में भूमिका निभाई है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति की प्रवक्ता ने इन अफवाहों को झूठा बताया है।