पेरिस/लंदन/वॉशिंगटन। एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ उसका ओमिक्रॉन वैरिएंट। इससे दुनियाभर में हालात खराब होने लगे हैं। ब्रिटेन के बाद अब फ्रांस कोरोना के बड़े उछाल का सामना कर रहा है। यहां शनिवार को 100000 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं। यहां शुक्रवार को 94000 नए मरीज मिले थे। फिर से अस्पताल भरने लगे हैं और ज्यादातर मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है। उधर, ब्रिटेन में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों में बीते 1 हफ्ते में 48 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। लंदन का हर 20वां शख्स ओमिक्रॉन मरीज है। ब्रिटिश हेल्थ सर्विस के मुताबिक यहां हफ्तेभर में 1.20 लाख मरीज औसतन मिल रहे हैं। अब तक 137 लोगों की जान गई है। अगले हफ्ते हर 10वां व्यक्ति ओमिक्रॉन से ग्रस्त हो सकता है।
उधर, अमेरिका में भी हालात काफी गंभीर हैं। यहां ओमिक्रॉन और कोरोना मामलों की संख्या 45 फीसदी से ज्यादा है और हर रोज करीब 1 लाख 79 हजार मरीज मिल रहे हैं। अमेरिका में सबसे ज्यादा मरीज न्यूयॉर्क में हैं। कोरोना और ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के बीच पहली बार क्रिसमस पर व्हाइट हाउस में कोई प्रोग्राम नहीं किया जा रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पर रोक लगा दी है। वहीं, अमेरिका ने अफ्रीका के 8 देशों पर लगाई गई यात्रा की पाबंदी को 31 दिसंबर को हटाने का फैसला किया है। पिछले महीने अमेरिका ने यात्रा पर रोक लगाई थी, लेकिन अब ओमिक्रॉन के दुनियाभर में प्रसार को देखते हुए बाइडेन सरकार ने पाबंदियां हटाने का एलान किया है।
अमेरिका ने तो अफ्रीका के देशों पर लगे यात्रा प्रतिबंधों को खत्म कर दिया है, लेकिन कोरोना और अब उसके ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से दुनियाभर में एयरलाइंस ने 4500 से ज्यादा उड़ानों को रद्द किया है। क्रिसमस पर इतनी बड़ी तादाद में फ्लाइट्स रद्द होने का ये पहला मामला है। इससे पहले दो साल लगातार फ्लाइट्स कैंसल रही थीं और लोग क्रिसमस का पर्व ठीक से मना नहीं सके थे। सिर्फ अमेरिका में ही 2500 उड़ानें इस हफ्ते रद्द की गई हैं। वहीं, ओमिक्रॉन की वजह से स्टाफ की कमी के कारण हजारों अन्य उड़ानें देर से गईं। फ्लाइट्स कैंसल होने का सिलसिला यूरोप के देशों में भी बड़े पैमाने पर देखा गया है।