
इस्लामाबाद। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे। इनमें सिंधु जल समझौता स्थगित करना भी है। सिंधु जल समझौता स्थगित करने के बाद भारत ने पाकिस्तान जा रही नदियों पर बने बांधों के गेट बंद कर दिए। भारत ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं कर देता, सिंधु जल समझौता स्थगित ही रहेगा। नतीजे में पाकिस्तान में हाहाकार मचता दिख रहा है। अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक पाकिस्तान में फसल की बुवाई के लिए पानी का घनघोर संकट खड़ा हो सकता है।
अखबार ने बताया है कि सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण पाकिस्तान में पानी की किल्लत पर चिंता जताई है। प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के मंगला और तरबेला बांधों में पानी काफी कम हो गया है। अखबार ने प्राधिकरण के हवाले से जानकारी दी है कि मंगला बांध की कुल क्षमता का 50 फीसदी पानी रह गया है। इसी तरह पाकिस्तान के तरबेला बांध में भी पानी काफी घट गया है। जानकारी के मुताबिक मंगला बांध में 5.9 मिलियन एकड़ फिट पानी आता है। जबकि, यहां पानी का स्तर 2.7 मिलियन एकड़ फिट रह गया है। तरबेला बांध में 11.6 मिलियन एकड़ फिट पानी पाकिस्तान स्टोर कर सकता है। यहां पानी का स्तर 6 मिलियन एकड़ फिट हो चुका है।
पाकिस्तान के मंगला और तरबेला बांधों से सिंध और पंजाब प्रांतों में सिंचाई का काम होता है। साथ ही मंगला और तरबेला बांधों से बिजली भी बनती है। भारत की ओर से पानी बंद किए जाने से पाकिस्तान में किस कदर हाहाकार है, ये इसी से पता चलता है कि पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भारत से इस मामले पर भी बातचीत की गुहार लगाई है। इससे पहले पाकिस्तान के कई नेता भारत को धमकी दे रहे थे कि अगर उसने नदियों का पानी रोका, तो खून बहा दिया जाएगा। पाकिस्तान के नेता और सेना के अफसर ये धमकी भी दे रहे थे कि पानी बंद करना युद्ध माना जाएगा, लेकिन अब पानी बंद है और इससे पाकिस्तान छटपटा रहा है।