नई दिल्ली। आर्थिक तंगहाली के बावजूद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। यदि इतिहास को उठाकर देखा जाए तो पाकिस्तान भारत के सीमा पर घुसपैठ आजादी और बंटवारे के बाद से लगातार करता आया है। घुसपैठ के मामले में हमारा ये पड़ोसी सबसे आगे रहा है। इस बार फिर पाकिस्तान ने भारतीय सीमा से महज 58 किमी दूर एक अत्याधुनिक निगरानी रडार तैनात किया है। पाकिस्तानी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सिंध के उमरकोट जिले की चोर छावनी में टीपीएस-77 ‘मल्टी रोल राडार’ लगाया गया है। रक्षा विशेषज्ञों के एक समूह का मानना है कि इस घटना से भारत की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान की सेना ने भारत के ‘इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम’ का डटकर मुकाबला करने के लिए लॉकहीड मार्टिन कंपनी द्वारा अमेरिका में बनाए गए टीपीएस-77 के परिवहन योग्य एमआरआर वर्जन को सीमा पर लगाया है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रॉनिक हथियारों में से एक भारत का इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम एक है, यह रडार इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम की शक्ति का उपयोग करके वायरलेस संचार, उपग्रह लिंक और रडार को जाम करने में बेहद कारगर साबित हो सकता है।
जानिए क्या होगी नए हथियार की क्षमता?
गौरतलब है कि भारतीय सेना का यह इलेक्ट्रॉनिक हथियार दुश्मन की ‘पैसिव ट्रैकिंग’ करने में सक्षम है। यानी दुश्मन की रेडियो तरंगों का पता लगाकर दुश्मन की जानकारी के बिना उसकी पहचान की जा सकती है। चूंकि यह सक्रिय ट्रैकिंग जैसी रेडियो तरंगों का उत्सर्जन नहीं करता है, इसलिए इसे दुश्मन के रडार वेव रिसीवर्स द्वारा महसूस नहीं किया जा सकता है। लेकिन टीपीएस-77 एमआरआर एस-बैंड तरंगों की मदद से 250 किमी तक दुश्मन की निगरानी प्रणाली की पहचान कर सकता है। दुश्मन के विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन का पता लगाने में एकदम कामयाब है।