
कराची। गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने आए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अपने मुल्क लौटते ही भारत के खिलाफ आग उगली है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच नफरत को बढ़ाने वाला बयान दिया है। गोवा से लौटने के बाद कराची में शुक्रवार को बिलावल भुट्टो जरदारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने यहां कहा कि मैंने एससीओ की बैठक में बीजेपी और आरएसएस के हर मुसलमान को आतंकी बताने के विचार को नकारने की कोशिश की। बिलावल ने आग उगलते हुए कहा कि बीजेपी और आरएसएस इस मिथक को बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि दुनियाभर में मुसलमान आतंकवादी हैं। वे पाकिस्तानियों को भी आतंकवादी बताते हैं।
बिलावल ने एक बार फिर अनुच्छेद 370 का राग गाया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते उस वक्त तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 जैसे हालात बहाल नहीं होते। मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को ही संसद में प्रस्ताव पेश कर अनुच्छेद 370 को रद्द करा दिया था। बिलावल इससे पहले भी पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान देकर चर्चा में आए थे। यहां तक कि गोवा में जब बिलावल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, तो उसमें भारत के पत्रकारों को शामिल तक नहीं होने दिया था। शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बयान से पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके देश को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद का प्रमोटर, उसे संरक्षण देने वाला और आतंकवाद के उद्योग का प्रवक्ता बताया था।

जयशंकर ने साफ कहा था कि पाकिस्तान और चीन के बीच जो तथाकथित कॉरिडोर बनाया जा रहा है, वो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है। उन्होंने ये भी कहा था कि आतंक के पीड़ित और साजिश करने वाले एक साथ नहीं बैठ सकते। भारतीय विदेश मंत्री ने अनुच्छेद 370 के बारे में कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। उन्होंने कहा था कि 370 अब नहीं रहा और बेहतर है, लोग इसे स्वीकार कर लें। उनके इसी बयान के बाद अब बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के खिलाफ आग उगली है।