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Pakistan: दिवालिया हो चुका है पाकिस्तान, लेकिन आतंक की फैक्ट्री का कारोबार जारी

Pakistan: पाकिस्तान फ़ेडरल बोर्ड रेवेन्यू के पूर्व चेयरमैन शब्बर ज़ैदी ने कहा है कि ‘इमरान खान की सरकार का ये दावा कि सब कुछ ठीक है और चीज़ें अच्छी हो रही हैं, ये सारी बातें झूठ हैं। मुझे तो आज तक सीपीईसी समझ में नहीं आया। इसमें पारदर्शिता लानी होगी, इससे हमारी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। भारत से हम दवाई ले रहे हैं, ये जो ड्रामेबाज़ी है कि भारत से व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे, ये बंद होनी चाहिए।’

पाकिस्तान कर्ज में डूब चुका है और वहां की जनता महंगाई से परेशान है। इमरान खान के 3 साल के कार्यकाल में, पाकिस्तान की हालत इतनी बिगड़ चुकी है, अब उसके पास कर्ज चुकाने के लिए भी पैसे नहीं हैं। पाकिस्तान फ़ेडरल बोर्ड रेवेन्यू के पूर्व चेयरमैन शब्बर ज़ैदी ने कहा है कि पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है। पाकिस्तानी की आर्थिक हालत चाहे, जितनी भी खास्ताहाल हो, लेकिन इससे उसकी आतंकी गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई है। पाकिस्तान की जमीन पर आतंक की फैक्ट्रियां, पहले की तरह की जारी है। भले ही इमरान खान अपना घर चलाने के लिए, अपनी पार्टी से फंडिंग लेते हों, लेकिन वहां आतंकियों को मिलने वाली फंडिंग में कोई कमी नहीं आई है। आतंकी संगठनों ने भारत को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तानी की जमीन का इस्तेमाल जारी रखा है।पाकिस्तान ना सिर्फ ऐसे आतंकियों को पाल रहा है, बल्कि वहां आतंकवादी आज़ाद और बेखौफ होकर घूम रहे हैं।आतंकवाद पर जारी, अमेरिका की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के खिलाफ आतंकी मुहिम चलाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन आज भी पाकिस्तान से ही चलाए जा रहे हैं।

अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान ने, इन आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने का वादा पूरा नहीं किया है। पाकिस्तान ने अब तक मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर पर कोई एक्शन नहीं लिया। मसूद अजहर पाकिस्तान में खुलेआम आतंकी गतिविधियां चला रहा है। आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तान की भूमिका से साफ है कि उसे अपनी अर्थव्यवस्था की नहीं बल्कि आतंकियों की चिंता है। पाकिस्तान ने चीन के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी भारी मात्रा में कर्ज लिया हुआ है। पाकिस्तान पर घरेलू और विदेशी कर्ज 50 हजार अरब रुपये से भी ज्यादा हो चुका है।

International Monetary Fund

पाकिस्तान फ़ेडरल बोर्ड रेवेन्यू के पूर्व चेयरमैन शब्बर ज़ैदी ने कहा है कि ‘इमरान खान की सरकार का ये दावा कि सब कुछ ठीक है और चीज़ें अच्छी हो रही हैं, ये सारी बातें झूठ हैं। मुझे तो आज तक सीपीईसी समझ में नहीं आया। इसमें पारदर्शिता लानी होगी, इससे हमारी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। भारत से हम दवाई ले रहे हैं, ये जो ड्रामेबाज़ी है कि भारत से व्यापारिक संबंध नहीं रखेंगे, ये बंद होनी चाहिए।’

Former FBR chairman Shabbar Zaidi

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पूर्व सदस्य और रिटायर्ड जज वजीहुद्दीन अहमद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान घर चलाने के लिए पार्टी से हर महीने 50 लाख रुपये की फंडिंग लिया करते थे। पाकिस्तान के हाल को देखकर, यही कहा जा सकता है कि इमरान खान को देश की अर्थव्यवस्था से ज्यादा चिंता आतंकियों की फंडिंग की है। यही वजह है कि आज तक पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। कर्ज में डूबे पाकिस्तान को देखकर, बस यही कहा जा सकता है कि आतंक की फंडिंग करके, पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को तबाह करने की कगार पर है।