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पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई से बिगड़ा मंत्री का दिमागी संतुलन, दे दिया ऐसा अजीबोगरीब बयान

pakistan minister statement on inflation : पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगित बाल्टिस्तान के नेता अली अमीन गंडापुर ने एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान देश में बढ़ते महंगाई  पर अपनी तकरीरें पेश करते हुए कहा कि अगर हम अपने दैनिक उपभोग की मात्रा को कम कर दे, तो महंगाई पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

नई दिल्ली। आधी दुनिया आज की तारीख में बढ़ती महंगाई से त्रस्त है। शायद ही ऐसा कोई देश बचा होगा जिसे महंगाई के कहर का शिकार न करना पड़ रहा हो, लेकिन हर समस्या से बाहर निकलने का अपना समाधान होता है,  मगर पाकिस्तान जैसे देशों की रहनुमाइ करने वाले लोग इन समस्याओं का समाधान करने की जगह बेतुके बयान देकर सुर्खियां बटोरना ज्यादा मुनासिब समझते हैं। इस बीच कुछ ऐसा ही बयान पाकिस्तान के एक मंत्री ने वहां बढ़ते महंगाई पर दिया है। आपको तो पता ही होगा कि कोरोना काल से ही शुरू हुआ पाकिस्तान में महंगाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि वहां की आम जनता दो जून की रोटी के लिए मुहाल हो चुकी है और वहां के कर्ताधर्ता चीन का गुणगाण करने में मशगूल हैं। खैर, यह तो चलता रहेगा, लेकिन आइए हम आपको पाकिस्तान के उस मंत्री के बयान से रूबरू कराए चलते हैं, जिनके बारे में बताने के लिए हमने ये पूरी भूमिका तैयार की है।

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पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गिलगित बाल्टिस्तान के नेता अली अमीन गंडापुर ने एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान देश में बढ़ते महंगाई  पर अपनी तकरीरें पेश करते हुए कहा कि अगर हम अपने दैनिक उपभोग की मात्रा को कम कर दे, तो महंगाई पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। बता दें कि उन्होंने चाय का हवाला देते हुए कहा कि मान लीजिए कि एक कप चाय बनाने के लिए आप 100  दाने चीन का उपयोग करते हैं और अगर इस विपदा के समय आप 10 दाने चीनी के कम कर दे, तो इससे महंगाई की मात्रा में काफी कमी आ सकती है। खैर, ये और बात है कि उन्होंने पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के कारणों या उससे कैसे काबू पाया जाए , इस बारे में कोई तकरीरें पेश नहीं की। उनके  इस बयान पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते नजर आ रहे हैं।

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उन्होंने आगे अपने बयान में कहा कि अगर हमारे द्वारा थोड़ा बलिदान करने से हमारे आने वाले बच्चने का भविष्य सुरक्षित हो सकता है। उनके लिए भलिष्य की राह सरल हो सकती है तो हमारे लिए इस बलिदान को करने में कोई हर्ज नहीं है। इस बीच उन्होंने इतिहास के पन्नों को खंगालते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने बहुत ही मुश्किल  से यह आजादी प्राप्त की है। बहुत संघर्ष किया गया है, इसलिए हम सभी को हमारे बच्चों के भलिष्य को सुरक्षित करने के लिए यह बलिदान अनिवार्य है।