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Red Carpet Ban In Pakistan: पाकिस्तान के सरकारी कार्यक्रमों में रेड कार्पेट बिछाने पर लगा बैन, खराब वित्तीय हालत के कारण पीएम शहबाज शरीफ का फैसला

Red Carpet Ban In Pakistan: पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति कितनी खराब है, ये इसी से पता चलता है कि पीएम शहबाज शरीफ और उनकी सरकार के कई मंत्रियों ने धन बचाने की कोशिश के तहत अपने वेतन और भत्ते न लेने का फैसला भी किया है। पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी वेतन और भत्ते न लेने का एलान किया है।

इस्लामाबाद। जबसे एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग के मसले पर शिकंजा कसा और भारत के साथ उसका व्यापार बंद हुआ, तभी से पाकिस्तान की माली हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। पाकिस्तान ने पैसे की किल्लत के कारण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ से 3 अरब डॉलर का कर्ज भी लिया, लेकिन इससे उसकी हालत नहीं सुधरी। अब पाकिस्तान के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि पीएम शहबाज शरीफ ने सरकारी कार्यक्रमों में लाल कालीन यानी रेड कार्पेट बिछाने पर रोक लगाने का भी फैसला किया है।

अब पाकिस्तान में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में रेड कार्पेट नहीं बिछाया जाएगा। इनको सिर्फ राजनयिकों और विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा। अब तक पाकिस्तान में हर सरकारी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के लिए रेड कार्पेट बिछाया जाता रहा है। बताया जा रहा है कि इस परंपरा पर पीएम शहबाज शरीफ ने नाराजगी जताई और इसे पैसों का अपव्यय बताया। पाकिस्तान के कैबिनेट डिविजन ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि मंत्रियों और अन्य हस्तियों के लिए रेड कार्पेट इस्तेमाल नहीं होगा। अब पाकिस्तान में रेड कार्पेट बिछाने पर कितना खर्च आता है, ये तो सरकार जाने, लेकिन कहा यही जा रहा है कि धन की बचत के लिए रेड कार्पेट बिछाने पर रोक लगाई गई है।

पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति कितनी खराब है, ये इसी से पता चलता है कि पीएम शहबाज शरीफ और उनकी सरकार के कई मंत्रियों ने धन बचाने की कोशिश के तहत अपने वेतन और भत्ते न लेने का फैसला भी किया है। पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी वेतन और भत्ते न लेने का एलान किया है। फरवरी में ही शहबाज शरीफ ने कहा था कि सरकार बनाने पर फिजूलखर्ची को हर हाल में रोका जाएगा। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। हजारों रुपए में रोजमर्रा की चीजें मिल रही हैं। वहीं, आईएमएफ के निर्देश पर आम जनता पर टैक्स वगैरा भी कई गुना बढ़ाए जा चुके हैं। पुराने दोस्त चीन, सऊदी अरब और यूएई भी पाकिस्तान की अब वित्तीय मदद करने से कतराने लगे हैं।