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Pakistan On Holi: सरकार बदलने के बाद बदल रहे पाकिस्तान में नेताओं के सुर!, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और बिलावल भुट्टो ने हिंदुओं को दी होली की शुभकामनाएं

Pakistan On Holi: जिन्ना की मौत के बाद पाकिस्तान धार्मिक कट्टरता की ओर बढ़ता रहा। ऐसे में हिंदुओं, सिख और ईसाई समुदाय पर अत्याचार भी लगातार होते रहे। पाकिस्तान में 2.14 फीसदी ही हिंदू बचे हैं। ज्यादातर हिंदू सिंध प्रांत और पाकिस्तान के गुजरात इलाके के अलावा इस्लामाबाद और लाहौर में ही रहते हैं।

इस्लामाबाद। नई सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की रंगत बदलती दिख रही है। पहले उसके वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत के साथ व्यापार करना चाहते हैं। अब होली के मौके पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने हिंदुओं को शुभकामनाएं दी हैं। पाकिस्तान में बचे-खुचे कुछ हजार हिंदू भी आज होली का त्योहार मना रहे हैं। होली पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हिंदू समुदाय को शुभकामनाएं दी हैं। जरदारी ने कहा है कि होली का त्योहार धार्मिक या सांस्कृतिक मतभेदों से अलग है और साझा मानवता की याद दिलाता है।

पाकिस्तान में बहुत कम ही हिंदू बचे हैं। लगातार उत्पीड़न, जबरन धर्म परिवर्तन की वजह से या तो वे भारत आकर शरण लेते हैं या मुस्लिम बन जाते हैं। इन्हीं को अब जरदारी और बिलावल ने होली पर शुभकामनाएं दी हैं। जरदारी ने अपने संदेश में कहा कि होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश के हिंदू समुदाय ने सराहनीय काम किए हैं। जरदारी ने ये भी कहा कि पाकिस्तान का संविधान धार्मिक आजादी की गारंटी देता है और पाकिस्तान सभी धर्मों का खूबसूरत गुलदस्ता है। वहीं, उनके बेटे और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी होली पर शुभकामनाएं दी हैं। बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि होली का त्योहार पाकिस्तान में समावेशी चरित्र को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने पाकिस्तान के लोगों में आपसी समझ और एकजुटता कायम करने और सामाजिक सद्भाव की भी बात कही।

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पाकिस्तान जब 14 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, तो वहां के गवर्नर जनरल और देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने हिंदू और अन्य गैर इस्लामी समुदाय के लोगों को भरोसा दिया था कि वे पाकिस्तान में सुरक्षित हैं। जिन्ना की मौत के बाद लगातार पाकिस्तान धार्मिक कट्टरता की ओर बढ़ता रहा। ऐसे में हिंदुओं, सिख और ईसाई समुदाय पर अत्याचार भी लगातार होते रहे। नतीजे में अब पाकिस्तान में 2.14 फीसदी ही हिंदू बचे हैं। ज्यादातर हिंदू सिंध प्रांत और पाकिस्तान के गुजरात इलाके के अलावा इस्लामाबाद और लाहौर में ही रहते हैं। यहां भी कट्टरपंथियों ने उनका जीवन दूभर कर रखा है।