
नई दिल्ली। पाकिस्तान इन दिनों तंगहाली से जूझ रहा है। आलम यह है कि वहां की आम जनता अब दो जून की रोटी के लिए मुहाल हो चुकी है। सियासी रहनुमा जहां अपने मुल्क की हिफाजत के लिए दुनिया के आगे मदद के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं, तो वहीं वहां के मजहबी रहनुमाओं की हिमाकत देखिए कि वे लोगों को एक हाथ में बम तो दूसरे हाथ में कुरान रखने की हिदायत दे रहे हैं, जबकि इस समय इन रहनुमाओं को अपने लोगों को एकजुट होकर आर्थिक तंगी से लड़ने का मास्टर प्लान देना चाहिए, लेकिन अफसोस ऐसी कोई भी कोशिश करने की जगह ये लोग अपने ही अपने लोगों को भड़काने पर तुले हैं। आइए, आगे आपको इसके बारे में सबकुछ विस्तार से बताते हैं।
दरअसल, तहरीक-ए-लब्बैक के मुखिया साद रिजवी ने पाकिस्तान के आम लोगों को एक हाथ में कुरान तो दूसरे हाथ में एटम बम रखकर जिहाद करने की अपील की है। मौलाना ने यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि ऐसा करके तुम उन्हें जता दो कि हम लोग किसी से नहीं डरते हैं। बता दें कि अभी मौलाना का यह बयान काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। चलिए, आगे जान लेते हैं कि आखिर मौलाना ने यह बयान किस संदर्भ में दिया है। आपको बता दें कि बीते दिनों स्वीडन में एक शख्स ने सरेआम कुरान जला दिया था, जिसका वीडियो भी प्रकाश में आया था। इस वीडियो के प्रकाश में आने के बाद सभी मुस्लिम देशों ने कड़ी आलोचना की थी और संयुक्त राष्ट्र से ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की। लेकिन बता दें कि अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां आप यह भी जान लीजिए कि पिछले कुछ दिनों से स्वीडन और तुर्की के बीच रिश्तों में खटास है।
अब खटास का यह सिलसिला कब तक जारी रहेगा। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन बीते दिनों स्वीडन के उस शख्स ने सरेआम कुरान जलाकर तुर्की के प्रति अपना आक्रोश जाहिर किया था। गौरतलब है कि इससे पहले भी वो शख्स कुरान जलाने की वारदात को अंजाम दे चुका था, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। ध्यान दें कि अब पाकिस्तान के मौलाना और तहरीक ए लब्बैक के संरक्षक साद रिजवी ने यह बयान दिया है।
इससे पहले ये मौलाना पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भी बयान दे चुका है, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को अभी मरने मारने की बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसे खुद को आर्थिक मोर्चे पर संबल बनाने की दिशा में काम करन चाहिए।