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Bilateral Talks Between Narendra Modi And Vladimir Putin : बम, बंदूक और गोलियों के बीच सफल नहीं होती शांति वार्ता, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के सामने उठाया यूक्रेन युद्ध का मुद्दा

Bilateral Talks Between Narendra Modi And Vladimir Putin : पीएम नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा, आतंकवाद कितना भयानक होता है वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं। इसलिए जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा मैं इसकी कल्पना कर सकता हूं।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि रूस में हुए आतंकी हमलों का दर्द हम समझ सकते हैं क्यों कि भारत 40-50 साल से आतंकवाद का सामना कर रहा है। वहीं पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। इसके साथ ही भव्य स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद भी दिया। वहीं पुतिन ने पीएम मोदी को कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, आतंकवाद कितना भयानक होता है वह हम पिछले 40 वर्षों से सामना कर रहे हैं। इसलिए, जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, जब दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा इसकी मैं कल्पना कर सकता हूं। मैं सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं। मोदी बोले, युद्ध हो या आतंकवादी हमले हों, उसमें मासूम बच्चों को मरते हुए देखकर दिल छलनी हो जाता है।

मोदी बोले, एक दोस्त के तौर पर मैंने हमेशा कहा है कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं ये भी जानता हूं कि युद्ध के मैदान में समाधान संभव नहीं है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती हैं। हमें बातचीत के जरिये ही शांति का रास्ता अपनाना होगा।

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा, कि द्विपक्षीय वार्ता का कार्यक्रम पिछले 25 साल से चल रहा है, 22 बार हम मिल चुके हैं लेकिन शायद ये ऐसी मुलाकात है कि पूरी दुनिया का ध्यान मेरी इस यात्रा पर केंद्रित है और पूरी दुनिया इस यात्रा के अलग-अलग मायने निकाल रही है। कल आपने मुझे अपने घर पर बुलाया और एक सच्चे दोस्त की तरह हमने 4-5 घंटे एक साथ बिताए, हमने कई विषयों पर चर्चा की। मुझे खुशी है कि हमने यूक्रेन के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और हमने एक-दूसरे की राय को सुनने और सम्मानपूर्वक समझने की कोशिश की।