
कनैनिस्किस। साल 2024 में खराब हुए भारत और कनाडा के रिश्ते फिर पटरी पर लौटते दिख रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी की जी-7 शिखर बैठक से अलग मुलाकात के बाद भारत और कनाडा ने एक-दूसरे के यहां फिर से उच्चायुक्त नियुक्त करने पर सहमति जताई है। कनाडा के पीएम कार्नी के दफ्तर से कहा गया कि उन्होंने और पीएम मोदी ने आपसी सम्मान, कानून के राज, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का तरजीह दी। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और मार्क कार्नी की बैठक के बारे में बताया कि भारत और कनाडा आपसी रिश्ते में स्थिरता रखने के लिए जरूरी कदम उठाने पर राजी हुए।
#WATCH | Kananaskis: During his meeting with PM Modi, Canadian PM Mark Carney says, “It’s a great honour to host you at the G7…It’s a testament to the importance of your country, to your leadership and to the importance of the issues that we look to tackle together, from energy… pic.twitter.com/WAjwbTwWQW
— ANI (@ANI) June 17, 2025
पीएम मोदी और पीएम कार्नी ने भारत-कनाडा में व्यापार, लोगों के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी पर फिर से चर्चा शुरू करने का फैसला किया। इससे दोनों देशों के संबंधों में गति आएगी। इसके अलावा मोदी और कार्नी के बीच साफ ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, एआई, खाद्य सुरक्षा, जरूरी खनिजों, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इससे पहले पीएम मोदी ने मार्क कार्नी को कनाडा के आम चुनाव में शानदार जीत पर बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा के संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों ने कनाडा में निवेश किया है और कनाडा की कंपनियों ने भी भारत में पैसा लगाया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा को मिलकर लोकतंत्र और मानवता को मजबूत करना होगा। मोदी ने कहा कि ये भरोसा है कि भारत और कनाडा मिलकर रिश्तों को आगे बढ़ा सकते हैं। ताकि दोनों देशों को फायदा हो।
वहीं, कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने कहा कि जी-7 शिखर बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी की मेजबानी सम्मान की बात है। कनाडा के पीएम ने कहा कि भारत साल 2018 से जी-7 शिखर बैठकों में शामिल होता रहा है। मार्क कार्नी ने कहा कि वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। बता दें कि भारत और कनाडा के रिश्ते 2024 में बहुत खराब हुए थे। इसकी वजह ये थी कि तब कनाडा के पीएम रहे जस्टिन ट्रूडो ने बिना किसी सबूत के खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की एजेंसियों का हाथ होने का आरोप लगाया था। बाद में ट्रूडो की विदाई हुई और मार्क कार्नी ने कनाडा की सत्ता संभाली। कार्नी के पीएम बनने के बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्ते फिर गर्मजोशी भरे होने की पूरी उम्मीद है।