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Narendra Modi Honoured With Mauritius Highest Award : पीएम नरेंद्र मोदी मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित, कहा-यह भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक रिश्तों का सम्मान

Narendra Modi Will Be Honoured With Mauritius Highest Award : मोदी ने कहा, जब भी मैं मॉरीशस आता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की हवा, मिट्टी और पानी में अपनेपन का एहसास है। गीत गवाई में, ढोलक की थाप में, दाल-पूरी में, कुच्चा में भारत की खुशबू है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि मॉरीशस की मिट्टी में कितने ही हिंदुस्तानियों का, हमारे पुरखों का खून, पसीना मिला हुआ है। हम सब एक परिवार ही तो हैं।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा पर गए हुए हैं। मॉरीशस पहुंचने पर जहां एक ओर पीएम का बहुत ही जबर्दस्त स्वागत किया गया वहीं मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने मोदी को उनके देश के सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से भी सम्मानित किया। इस सम्मान को पाने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने इस सम्मान के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा, मॉरीशस की जनता और सरकार ने मुझे अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला किया है। मैं इस फैसले को बहुत सम्मान के साथ स्वीकार करता हूं। यह सिर्फ मेरे लिए सम्मान नहीं है, यह भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान है।

पोर्ट लुइस में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बोले, जब 10 साल पहले आज की ही तारीख को मैं मॉरीशस आया था उस साल होली एक हफ्ते पहले बीत चुकी थी। तब मैं भारत से भगवा की उमंग अपने साथ लेकर आया था। इस बार मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ लेकर भारत जाऊंगा। मोदी ने कहा, जब भी मैं मॉरीशस आता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं अपनों के बीच ही तो आया हूं। यहां की हवा, मिट्टी और पानी में अपनेपन का एहसास है। गीत गवाई में, ढोलक की थाप में, दाल-पूरी में, कुच्चा में भारत की खुशबू है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि मॉरीशस की मिट्टी में कितने ही हिंदुस्तानियों का, हमारे पुरखों का खून, पसीना मिला हुआ है। हम सब एक परिवार ही तो हैं। इस भावना के साथ मैं प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम, उनके कैबिनेट सहयोगियों और यहां मौजूद सभी लोगों का अभिनंदन करता हूं।

पीएम बोले, एक समय था जब मिठाई बनाने के लिए मॉरीशस से पश्चिमी भारत में चीनी आयात की जाती थी। शायद इसीलिए गुजराती में चीनी को ‘मोरस’ भी कहा जाता है। समय के साथ भारत-मॉरीशस के रिश्तों की मिठास और भी मजबूत हुई है। इसी मिठास के साथ मैं मॉरीशस के सभी लोगों को उनके राष्ट्रीय दिवस पर हार्दिक बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा, आज भारत नई पीढ़ी के लिए मॉरीशस के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों को संरक्षित और मजबूत कर रहा है। मुझे खुशी है कि मॉरीशस में भारतीय प्रवासियों की सातवीं पीढ़ी को ओसीआई का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है।