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Bangladesh Election: बांग्लादेश में पीएम शेख हसीना ने संसदीय चुनाव में डाला वोट, भारत की जमकर तारीफ की

Bangladesh Election: शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी लगातार चौथी बार संसदीय चुनाव जीतने की कोशिश में है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि उनके पीएम रहते देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। इसी वजह से विपक्ष ने सोमवार सुबह 6 बजे तक आम हड़ताल का आह्वान किया है। जमकर हिंसा की भी खबरें आ रही हैं।

ढाका। बांग्लादेश में संसद की 300 सीटों के लिए आज वोटिंग हो रही है। इस चुनाव का बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी दलों ने बहिष्कार किया है। सत्तारूढ़ अवामी लीग सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। सभी सीटों पर अवामी लीग के मुकाबले ज्यादातर निर्दलीय प्रत्याशी खड़े हैं। पीएम शेख हसीना ने ढाका में मतदान किया।

मतदान के बाद शेख हसीना ने मीडिया से बात की। इस बातचीत में शेख हसीना ने भारत की जमकर तारीफ की। शेख हसीना ने भारत के लोगों को धन्यवाद दिया और बांग्लादेश की आजादी के आंदोलन में भारत की भूमिका को सराहा। शेख हसीना ने कहा कि जब उनके परिवार के लोगों की हत्या की गई, तो बची हुई 2 बहनों को भारत ने शरण दी थी।

शेख हसीना ने मीडिया से कहा कि बांग्लादेश संप्रभु और आजाद देश है। यहां काफी जनसंख्या है। उन्होंने कहा कि अवामी लीग की सरकार ने लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार दिए हैं। शेख हसीना ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में लोकतंत्र बना रहेगा।

शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी लगातार चौथी बार संसदीय चुनाव जीतने की कोशिश में है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि उनके पीएम रहते देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते। इसी वजह से विपक्ष ने सोमवार सुबह 6 बजे तक आम हड़ताल का आह्वान किया है। विपक्ष के आम हड़ताल के दौरान वोटिंग से पहले 17 मतदान केंद्रों और 2 स्कूलों को आग के हवाले किए जाने की खबर आई। इससे पहले शनिवार को ढाका के पास एक ट्रेन में आग लगाई गई थी। जिसमें 5 यात्री जलकर मर गए थे। बांग्लादेश में मतदान के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी तादाद में सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई है। बांग्लादेश के चुनाव पर नजर रखने के लिए भारत के चुनाव आयोग से भी 3 अफसरों को भेजा गया है। बांग्लादेश में एक बार फिर शेख हसीना की सरकार बनने से भारत के साथ पड़ोसी देश के संबंध अच्छे बने रहेंगे। इसलिए भारत भी बांग्लादेश के चुनावों पर नजर रखे हुए है। इससे पहले जब बीएनपी की सरकार थी, तब पीएम रहीं खालिदा जिया की भारत विरोधी नीतियों के कारण दोनों देशों के बीच रिश्ते सबसे खराब दौर में पहुंच गए थे।