नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रसार के साथ सबसे पहले रूस ने Sputnik-V वैक्सीन को अपने देश में मंजूरी प्रदान की। हालांकि इसको लेकर कई देशों ने सवाल उठाया कि बिना ट्रायल पूरा किए ही इस वैक्सीन को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इसके बाद इस वैक्सीन को कई देशों ने अपने यहां भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। हाल ही में भारत में भी Sputnik-v के आपात इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान की गई है। लेकिन अब रूस ने इस दो डोज वैक्सीन की जगह पर सिंगल डोज Sputnik Light कोविड वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की है। रूस का दावा है कि इस वैक्सीन की सिंगल डोज लोगों को 80 फीसदी तक सुरक्षा प्रदान कर रही है।
इस मंजूरी पर मुहर लगाने की बात के बारे में बताते हुए वैक्सीन निर्माताओं ने कहा कि रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने वैक्सीन को बनाने के लिए वित्तीय तौर पर मदद की थी।
Introducing a new member of the Sputnik family – a single dose Sputnik Light!
It’s a revolutionary 1-shot COVID-19 vaccine with the 80% efficacy – higher than many 2-shot vaccines.
Sputnik Light will double vaccination rates and help to handle epidemic peaks ✌️ pic.twitter.com/BCybe8yYWU
— Sputnik V (@sputnikvaccine) May 6, 2021
आरडीआईएफ ने अपनी ओर से जारी बयान में कहा कि स्पूतनिक लाइट कोरोनावायरस के प्रभाव से बचाव में 79.4 फीसदी तक प्रभावी है। जबकि स्पूतनिक वी को लेकर दावा किया गया था कि इसकी दो डोज 91.6 फीसदी तक कोरोना के खिलाफ प्रभावी है।
Following 2 country authorizations today, Sputnik V is now approved in 64 countries with population of over 3.2 billion people ✌️ pic.twitter.com/UkF1f51Vbu
— Sputnik V (@sputnikvaccine) April 30, 2021
स्पूतनिक वी के डबल डोज टीके को पहले ही 64 देशों ने अपने यहां आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। जिसके कारण अब 3.2 बिलियन लोगों को इन देशों में टीके का फायदा मिल पाएगा।
Sputnik Light is a fast and reliable pandemic fighter. It helps to achieve a high level of protection quicker, helping to swiftly defeat virus surges and create lasting protection in the community. pic.twitter.com/oF1s1HrrMR
— Sputnik V (@sputnikvaccine) May 6, 2021
वहीं अब स्पूतनिक लाइट के बारे में बताया जा रहा है कि यह कोरोना के हर वैरिएंट के खिलाफ काम कर सकता है और साथ ही दावा किया जा रहा है कि इसके प्रभाव आने वाले म्यूटेंट के खिलाफ भी लोगों को सुरक्षा देने में कामयाब रहेंगे। रूस सरकार की तरफ से कहा गया है कि अब इस वैक्सीन के इस्तेमाल से कोरोना से आजादी तो मिलेगी ही। यह आसानी से एक-जगह से दूसरे जगह तक ट्रांसपोर्ट भी किया जा सकता है।