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Biggest Crude Oil Deposit Found By Russia: रूस ने अंटार्कटिक में खोजा दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का भंडार, लेकिन इस वजह से नहीं निकाल सकता कोई भी देश

Biggest Crude Oil Deposit Found By Russia: अगर कच्चे तेल के इस सबसे बड़े भंडार के दोहन का काम शुरू हुआ, तो अंटार्कटिक क्षेत्र में गर्मी बढ़ेगी और इससे यहां मौजूद मीठे पानी वाली बर्फ तेजी से पिघलने लगेगी। अंटार्कटिका में जमी बर्फ में दुनिया का 70 फीसदी मीठा पानी है। अगर वहां की बर्फ पिघली, तो इससे पानी बहने लगेगा और समुद्र का स्तर भी उठ जाएगा। जिससे तमाम देशों के अस्तित्व को ही बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा।

वॉशिंगटन। एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस ने दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल का भंडार तलाश लिया है। इस तेल भंडार में 511 अरब बैरल कच्चा तेल होने की बात इस रिपोर्ट में कही गई है। दुनिया में अब तक जितना कच्चा तेल निकाला गया है, ये संख्या उससे ज्यादा है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत इस इलाके के विशाल भंडार से कच्चे तेल को निकाला नहीं जा सकता। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की सरकारी कंपनी रोसजियो ने ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र में कच्चे तेल का अब तक का सबसे विशाल भंडार खोज निकाला है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस ने भले ही ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र में समुद्र की तलहटी पर कच्चे तेल का विशाल भंडार तलाशा हो, लेकिन इस इलाके में प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर प्रतिबंध लगा हुआ है। साल 1959 में 12 देशों के बीच अंटार्कटिक संधि हुई थी। इसके तहत अंटार्कटिक इलाकों में कोई ऐसा काम नहीं किया जा सकता, जिससे यहां पारिस्थितिकी को किसी तरह का नुकसान हो।  इस संधि पर अब तक 56 देश दस्तखत कर चुके हैं। ब्रिटिश अंटार्कटिक क्षेत्र पर दक्षिण अमेरिका के दो देशों अर्जेंटीना और चिली भी अपना दावा जताते रहे हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत कोई भी देश यहां किसी भी तरह प्राकृतिक संसाधन को निकालने का काम नहीं कर सकता।

कच्चे तेल का सबसे बड़ा भंडार तलाशने के बाद रूस की सरकार का कहना है कि उसका इरादा अंटार्कटिक इलाके में संसाधन का दोहन कर अंतरराष्ट्रीय संधि को अमान्य करने का नहीं है। अगर कच्चे तेल के इस सबसे बड़े भंडार के दोहन का काम शुरू हुआ, तो अंटार्कटिक क्षेत्र में गर्मी बढ़ेगी और इससे यहां मौजूद मीठे पानी वाली बर्फ तेजी से पिघलने लगेगी। अंटार्कटिका में जमी बर्फ में दुनिया का 70 फीसदी मीठा पानी है। अगर वहां की बर्फ पिघली, तो इससे पानी बहने लगेगा और समुद्र का स्तर भी उठ जाएगा। जिससे तमाम देशों के अस्तित्व को ही बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा। मालदीव और मॉरीशस के अलावा कैरेबियाई देशों के समुद्र में समाने के आसार बन जाएंगे। इसके अलावा अंटार्कटिका में जमी बर्फ अगर तेजी से पिघली, तो तमाम देशों के पारिस्थितिकी तंत्र पर भी खराब असर होगा।