नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की सेना द्वारा आज यानी 24 फरवरी को यूक्रेन पर पूरे प्रभाव से हमला कर दिया गया है। बीते दिन रूस द्वारा समर्थित यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों की रूस द्वारा स्वतंत्रता की मान्यता देने के बाद अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस पर सीमित प्रतिबंध लगाए थे। सोमवार को पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए इस बात का संकेत दिया था कि वे यूक्रेन पर शांति कायम करने के नाम पर हमला करने वाले हैं। उसके बाद मंगलवार को तड़के सुबह ही यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि रूसी सेना की कार्रवाई हमारे राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन है। लेकिन आज अमेरिका सहित उसके तमाम सहयोगी देशों की धमकियों को धत्ता बताते हुए रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव के नजदीक हमले से युद्ध की शुरुआत की कर दी है। जब तक यह लिखा जा रहा है, यूक्रेन में लगातार धमाके हो रहे हैं और आम आदमियों के भी जान जाने की खबर आ रही है। बहरहाल, युद्धस्थल से 5000 किलोमीटर दूर यहां यानी भारत में इस युद्ध का क्या असर हो सकता है, यहां के आदमी कैसे इस जलजले से प्रभावित हो सकते हैं, आगे हम आपको यही समझाने की कोशिश करने वाले हैं। आइए जानते हैं..
Putin has just launched a full-scale invasion of Ukraine. Peaceful Ukrainian cities are under strikes. This is a war of aggression. Ukraine will defend itself and will win. The world can and must stop Putin. The time to act is now.
— Dmytro Kuleba (@DmytroKuleba) February 24, 2022
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत को मोटे तौर पर दो मोर्चों पर प्रभावित होना पड़ सकता है-
1. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के दामों में वृद्धि से महंगाई बढ़ने के आसार
रूस-यूक्रेन मामले के दरम्यान बीते डेढ़ महीने से क्रूड ऑयल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस बीच तेलों के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 15-17 प्रतिशत तक बढ़े हैं। लेकिन भारत के जनता को इसका आभास शायद इसलिए नहीं हो रहा है, क्योंकि अभी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। यह एक धारणा रही है कि चुनाव के बीच तेल के दामों को सरकारें नियंत्रित रखती हैं, क्योंकि चुनाव में इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन तनाव को देखते हुए यह माना जाना चाहिए कि अभी तेल के दाम अभी और बढ़ेंगे, और भारत में जब भी तेल के दाम रिवाइज होंगे, प्रति लीटर दाम कम से कम 6-10 रूपये तक बढ़ सकते हैं। तेल के दाम का महंगाई से सीधा कनेक्शन है। माल ढुलाई के लिए प्रयुक्त गाड़ियों में पेट्रोल-डीजल का प्रयोग होता है। रोजमर्रा की जरूरत वाली चीजों की ढुलाई इन्हीं गाड़ियो पर निर्भर होती हैं, और जब कभी तेल के दाम बढ़ते हैं, ढुलाई महंगी हो जाती है, जिसका असर हमारी जरूरत की चीजों पर पड़ता है, हमारी थाली पर पड़ता है।
2. रूस और यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे छात्रों के बारे में चिंताएं बढ़ सकती हैं
रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों में पढ़ाई और रोजगार के मामले में भारतीय लोग वहां ठिकाना बनाते हैं। रूस में भारतीय दूतावास के मुताबिक करीब 14 हजार भारतीय वहां निवास करते हैं। इनमें छात्रों के अलावा बिजनेसमैन भी शामिल हैं, जो चाय, कॉफी, चावल और मसाले आदि के व्यापार से जुड़े हैं। वहां केंद्रीय विद्यालय संगठन से जुड़ा एक स्कूल भी है, जहां भारतीय दूतावास में काम कर रहे कर्मचारियों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। इसके अलावा यूक्रेन की बात करें तो वहां भारतीय नागरिकों की तादाद करीब 18-20 हजार है। इनमें से अधिकांश छात्र हैं, जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए वहां का विकल्प चुनते हैं। भारत के अपेक्षा वहां मेडिकल की पढ़ाई सस्ती है, इसलिए भी भारतीय छात्र वहां जाना पसंद करते हैं।
रूस-यूक्रेन संकट को देखते हुए भारत सरकार ने कुछ दिन पहले एक गाइडलाइन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि भारतीय नागरिक बहुत जरूरी न हो तो देश वापस लौट आए। संकट को देखते हुए यह माना जाना चाहिए कि युद्ध की लपटें फैली तो जद में भारतीय नागरिक भी आएंगे। इसके अलावा भी चीजें प्रभावित होंगी क्योंकि भारत का दोनों ही देशों से व्यापारिक संबंध हैं, और एलएनजी हो या फिर सूरजमुखी का तेल हो, इनके व्यापारों पर भी असर पड़ सकता है।