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Salman Rushdie: सलमान रुश्दी का हमलावर हादी मतार उनके बच जाने से हैरत में, बताया किस वजह से किया हमला

रुश्दी पर न्यूयॉर्क के एक ओपन एयर थियेटर में उस वक्त हमला हुआ था, जब वो एक लेक्चर दे रहे थे। खुद के खिलाफ मौत का फतवा जारी होने के बाद सलमान रुश्दी काफी वक्त तक यूरोप में छिपकर रहे। भारतीय मूल के लेखकर रुश्दी को ब्रिटिश नागरिकता हासिल है।

न्यूयॉर्क। सैटेनिक वर्सेज किताब लिखकर कट्टरपंथियों के निशाने पर आए सलमान रुश्दी पर बीते दिनों ईरान के एक नागरिक ने हमला किया था। हादी मतार नाम के इस शख्स ने रुश्दी को गले, आंख और पेट पर चाकू से कई वार किए थे। तुरंत अस्पताल ले जाए गए रुश्दी की सर्जरी हुई और उनकी जान बच गई। इसी से अब हादी मतार अचंभे में है। उसने एक इंटरव्यू में कहा कि सलमान रुश्दी के बच जाने से उसे हैरत हुई है। अपने इंटरव्यू में हादी ने कहा कि रुश्दी को वो अच्छा इंसान नहीं मानता है। मतार के मुताबिक लेखक की जान लेने का उसका इरादा था और इसी वजह से वो मौका तलाशकर उनके पास पहुंचा था।

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रुश्दी के हमलावर हादी मतार ने ये भी कहा कि वो ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता रहे अयातुल्लाह अल-खुमैनी का प्रशंसक है, लेकिन उनके दिए फतवे की वजह से उसने रुश्दी पर हमला नहीं किया। बता दें कि सैटेनिक वर्सेज लिखने के बाद खुमैनी ने रुश्दी की मौत का फतवा जारी करते हुए 30 लाख डॉलर इनाम देने की बात 1989 में की थी। इस इनाम को ईरान के एक संगठन ने 2016 में 33 लाख डॉलर कर दिया था। हादी मतार ने कहा कि रुश्दी ने इस्लाम और उसके विश्वास पर किताब लिखकर हमला किया है। जिसकी सजा के तौर पर उसने लेखक पर हमला किया था।

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बता दें कि रुश्दी पर न्यूयॉर्क के एक ओपन एयर थियेटर में उस वक्त हमला हुआ था, जब वो एक लेक्चर दे रहे थे। खुद के खिलाफ मौत का फतवा जारी होने के बाद सलमान रुश्दी काफी वक्त तक यूरोप में छिपकर रहे। भारतीय मूल के लेखकर रुश्दी को ब्रिटिश नागरिकता हासिल है। उन्हें ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने बुकर ऑफ द बुकर सम्मान हासिल करने के बाद सर की उपाधि दी थी। रुश्दी को बुकर सम्मान उनकी किताब मिडनाइट्स चिल्ड्रेन के लिए दिया गया था।