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Saudi Arabia: रमजान को लेकर सऊदी अरब ने जारी किए ऐसे नियम, मचा बवाल, भड़के मुस्लिम

Saudi Arabia: दिशानिर्देशों में 10 बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जिसका अनुपालन करने के लिए सभी बाध्य हैं। इसके इतर मस्जिद में इमाम और मुअज्जिन की गैर-मौजूदगी पर पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन दिशानिर्देश में यह भी कहा गया कि जब अत्याधिक आवश्यकता हो, तभी इमाम मस्जिद में गैर-मौजूद रह सकते हैं।

नई दिल्ली। आगामी रमजान माह के दृष्टिगत सऊदी अरब सरकार द्वारा नमाज अदा करने के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी कर सभी नमाजियों से इसका पालन करने की बात कही गई है, जिसे लेकर अभी बखेड़ा ख़ड़ा हो गया है। आखिर क्या है ये पूरा बखेड़ा और क्यों जारी किए गए ये दिशानिर्देश? दरअसल, रमजान माह के मद्देनजर प्रतिबंधात्मक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। जिसे लेकर मुस्लिमों के बीच रोष है। दिशानिर्देश के मुताबिक, मस्जिद में नमाज के दौरान लाउडस्पीकर के स्वर को कम करने की बात कही गई है। इसके अलावा रमजान माह के आखिरी 10 दिनों के बीच उपासकों के एकांत में रहने के दौरान उनकी निगरानी का प्रावधान दिशानिर्देश में किया गया है। वहीं, मस्जिद में दिए जाने वाले दान की सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। वहीं, मस्जिद में नियमित होने वाली नमाज की वीडियो क्लिपिंग बनाने पर रोक लगा दी गई है।


बता दें कि दिशानिर्देशों में 10 बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जिसका अनुपालन करने के लिए सभी बाध्य हैं। इसके इतर मस्जिद में इमाम और मुअज्जिन की गैर-मौजूदगी पर पाबंदी लगा दी गई है, लेकिन दिशानिर्देश में यह भी कहा गया कि जब अत्याधिक आवश्यकता हो, तभी इमाम मस्जिद में गैर-मौजूद रह सकते हैं। उधर, शाम के पहर होने वाली नमाज की मियाद को कम कर दिया गया है। रमजान के आखिरी 10 दिनों में तहज्जुद के लिए नमाज अदा करना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, मस्जिद में होने वाली हर प्रकार की गतिविधियों को वीडियो और तस्वीरों में कैद करने पर पाबंदी लगा दी गई है। नए दिशानिर्देश के मुताबिक, उपसाकों के लिए मस्जिद में खाना बनाने के लिए जो चंदा एकत्रित किया जाता है, उस पर भी अब रोक लगा दी गई है। वहीं, अब इमाम को खुद के धन से उपासकों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी होगी। इसके अलावा मस्जिद में बच्चों के आने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।

वहीं, इस दिशानिर्देश को लेकर मुस्लिमों के बीच आक्रोश देखने को मिल रहा है। कई मुस्लिम देशों ने सामने आकर सउदी अरब द्वारा जारी किए गए इस दिशानिर्देश की आलोचना की है। इसके अलावा कुछ मुस्लिम विद्वानों ने सउदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर आरोप लगाया कि वह इस्लामिक परंपराओं को कुचलकर पाश्चत्य परंपराओं को फलीभूत करने की दिशा में प्रतिबद्ध हो गए हैं, जो कि अपने आप में एक घटिया कृत्य है।

उधर, महामहिम इस्लामी मामलों के मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ अल अलशेख ने रमजान 1444AH के पवित्र महीने को प्राप्त करने के लिए मंत्रालय की तैयारी के हिस्से के रूप में पूजा करने वालों की सेवा के लिए मस्जिद तैयार करने की आवश्यकता के बारे में मंत्रालय की सभी शाखाओं को एक परिपत्र जारी किया। बहरहाल, अभी इस पूरे प्रकरण को लेकर वैश्विक मंच पर चर्चा-परिचर्चा का बाजार गुलजार है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।