कराची। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान आए दिन भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों की चिंता करने वाले ट्वीट करते हैं, लेकिन उनके देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की हालत उन्हें नहीं दिखती। हिंदुओं के घर जलाए और लूटे जाते हैं। उनकी बहू-बेटियों को अगवा किया जाता है। ताजा घटना सिंध प्रांत की है। यहां देवी के 11 शक्तिपीठों में शामिल हिंगलाज माता मंदिर को कुछ लोगों ने हमला कर नष्ट कर दिया। ये मंदिर सिंध प्रांत के थारपारकर जिले में है। पिछले 22 महीने में पाकिस्तान में हिंदुओं के धर्मस्थलों पर ये 11वां हमला है। पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कृष्ण शर्मा के मुताबिक कट्टरपंथी अब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं डर रहे हैं।
हाल ही में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक आयोग ने रिपोर्ट में कहा था कि देश में हिंदू मंदिरों की हालत काफी खराब है। आयोग ने ये रिपोर्ट पिछले महीने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान सरकार के इवैक्युई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड ने प्राचीन और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को बनाए रखने में नाकामी दिखाई है। डॉन अखबार के मुताबिक देश के 365 मंदिरों में से सिर्फ 13 की देखभाल बोर्ड करता है। अन्य 65 को हिंदू समुदाय के लोग देखते हैं। जबकि, बाकी मंदिरों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
भारत की सरकार ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों पर हो रहे हमलों और अत्याचार के खिलाफ कई बार चिंता जताई है, लेकिन पाकिस्तान की कोई भी सरकार इस बारे में ध्यान नहीं देती। जब भी कोई घटना होती है, तो पीएम इमरान खान और उनके मंत्री आगे से कड़े कदम उठाने की बात करते हैं, लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठाती है। पिछले साल सिंध में माता रानी भटियानी मंदिर, गुरुद्वारा श्री जन्मस्थान और खैबर पख्तूनवा के करक स्थित एक मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमले किए थे। पाकिस्तान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वहां अब 75 लाख हिंदू ही रहते हैं। इनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में हैं।