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Federal Reserve: अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने फिर बढ़ाई ब्याज दरें, शेयर बाजार के निवेशकों से लेकर लोन लेने वाले आम लोगों पर आ सकती है मुसीबत!

दुनिया की अर्थव्यवस्था लगातार चरमराती दिख रही है। एक बार फिर मंदी का खौफ हावी है। इन सबके बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में ब्याज दर अब 5 फीसदी हो गई है। इसका असर शेयर बाजार निवेशकों और लोन लेने वालों पर पड़ सकता है।

वॉशिंगटन। दुनिया की अर्थव्यवस्था लगातार चरमराती दिख रही है। एक बार फिर मंदी का खौफ हावी है। इन सबके बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद अमेरिका में ब्याज दर अब 5 फीसदी हो गई है। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रखा था। खास बात ये है कि साल 2008 में जब अमेरिकी कंपनी लेहमेन ब्रदर्स दिवालिया हुई थी, तब भी ब्याज दर इतनी ही थी। बीते दिनों ही अमेरिका में दो बड़े सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूब चुके हैं। अब फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों को बढ़ाने का असर भारतीय शेयर बाजार और आम लोगों पर भी पड़ने के आसार हैं।

indian currency rupee

भारतीय शेयर बाजार की बात करें, तो विदेशी निवेशक लगातार अच्छी रिटर्न के चक्कर में यहां पैसा लगा रहे थे। पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार में उथलपुथल मची है। इस वजह से निवेशकों का खासा नुकसान हो चुका है। अब अमेरिका में ब्याज दरों में फेडरल रिजर्व की तरफ से की गई ताजा बढ़ोतरी से विदेशी निवेशक अपनी रकम अमेरिका में लगा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो बिकवाली के दबाव में भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट हो सकती है। इससे देसी निवेशकों को बड़ा झटका लगने की आशंका जोर पकड़ रही है।

reserve bank

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने का असर रुपए पर भी पड़ सकता है। रुपए का अवमूल्यन रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। इससे आम लोगों को लोन की किस्त चुकाने में और रकम खर्च करनी पड़ सकती है। यानी आपने अगर लोन लिया, तो उसकी ईएमआई एक बार फिर बढ़ेगी। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने जब भी ब्याज दरें बढ़ाईं, आरबीआई ने भी ऐसा ही किया और नतीजे में लगातार लोन की ईएमआई बढ़ती रही है।