
इस्लामाबाद। पाकिस्तान अब कंगालिस्तान बनने की ओर बढ़ रहा है। पाकिस्तान सरकार के पास इतना पैसा नहीं कि वो सरकारी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) को चला सके। खबरों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ऐसे में पीआईए के लिए खरीदार तलाश रही है। पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक शहबाज शरीफ सरकार ने पिछले साल भी पीआईए को बेचने की कोशिश की थी, लेकिन कीमत कम लगने की वजह से एयरलाइन को बेचने में नाकाम रही। अब पाकिस्तान सरकार ने पीआईए को बेचने के लिए बोली लगाने के योग्य माना है।
अखबार की खबर के मुताबिक पाकिस्तान के निजीकरण आयोग बोर्ड ने पीआईए के खरीदार के तौर पर चार कंपनियों को योग्य माना है। इनमें से तीन कंपनियां सीमेंट बनाती हैं। पाकिस्तान सरकार ने पीआईए को पिछले साल बेचने के लिए कम से कम 85.03 अरब रुपए तय किया था। इसमें 45 अरब रुपए की निगेटिव बैलेंस शीट की रकम भी शामिल है। उस वक्त पीआईए को खरीदने की कोशिश करने वालों ने एयरलाइन की कीमत 10 अरब रुपए ही लगाई थी। पीआईए पर 2020 में यूरोपीय यूनियन ने सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद 2023 से इसकी हालत बिगड़ी। यहां तक कि नवंबर 2023 में पीआईए के सात हजार कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल सका था।
पाकिस्तान की माली हालत इतनी खराब है कि शाहबाज शरीफ सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज ले रही है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को सात अरब डॉलर का कर्ज देने का फैसला किया था। इसमें से करीब 3 अरब डॉलर पाकिस्तान को मिल भी चुके हैं। आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज के बदले बिजली की कीमत बढ़ाने और अन्य जरूरी सेवाओं की कीमत में भी बढ़ोतरी करने की शर्त रखी है। इसकी वजह से पाकिस्तान की आम जनता की जेब भी ढीली हो रही है। पाकिस्तान में आटा 800 रुपए किलो और चीनी 500 रुपए किलो की दर से ज्यादा पर बिक रही है। ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि शहबाज शरीफ की सरकार कितने दिन पाकिस्तान को संभाल सकेगी?