नई दिल्ली। ईरान में कल यानी 13 दिसंबर से हिजाब संबंधी एक बहुत ही सख्त कानून लागू होने जा रहा है। इस कानून का उल्लंघन करने पर महिलाओं को कोड़े मारने से लेकर मौत तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा इस कानून को लागू करने संबंधी और भी कई तरह के फरमान ईरान सरकार द्वारा जारी किए गए हैं। इस नए हिजाब कानून को पिछले साल सितंबर 2023 में ईरान की संसद में पारित किया गया था। अब गार्जियन काउंसिल की मंजूरी के बाद इसे लागू किया जा रहा है। वहीं सोशल एक्टिविस्ट समूहों द्वारा ईरान के इस कानून की आलोचना भी की जा रही है।
ईरान में हिजाब क्लीनिक खोलने का भी ऐलान किया है गया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को हिजाब के नियमों का पालन कराना है। एबीपी न्यूज की खबर के अनुसार, ईरान सरकार ने सख्त आदेश दिया है कि अगर कोई विदेशी मीडिया संस्थान या अन्य कोई संगठन हिजाब के विरोध की बात करता है तो उस पर 12,500 पाउंड तक का जुर्माना या 10 साल की कठोर जेल की सजा हो सकती है। इतना ही नहीं अगर हिजाब कानून का उल्लंघन करने वाली किसी महिला की गिरफ्तारी का विरोध किसी संगठन या व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो उसे भी जेल में डाल दिया जाएगा।
दूसरी तरफ, मानवाधिकार संगठनों और विश्व के कई सोशल एक्टिविस्टों ने ईरान के इस सख्त हिजाब कानून का विरोध जताया है। उन्होंने इसे सीधे तौर पर महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों का उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने इसे कानून नहीं, आतंक का हथियार बताया है। दूसरी तरफ ईरान ने अपनी सफाई में कहा है कि इस कानून का मुख्य उद्देश्य समाज में हिजाब की संस्कृति की पवित्रता को बनाए रखना है जिससे महिलाएं अपनी पुरानी संस्कृति से जुड़ी रहें और अपने विशेष धार्मिक पहनावे को अपनाने में उनको गर्व महसूस हो।