
नई दिल्ली। जर्मनी में कैंसर के एक मरीज का इलाज करते हुए डॉक्टर खुद इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ गया। दुनियाभर में इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है। इस केस को लेकर मेडिकल जगत भी हैरान है। हालांकि यह पुराना मामला है लेकिन इसे हाल ही में ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित किया गया है जिसके बाद से इसे लेकर चर्चा छिड़ी हुई है। जी न्यूज ने डेली मेल के हवाले से इस पूरे मामले में जानकारी दी है। आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे मरीज से डॉक्टर को कैंसर हो गया।
दरअसल, जर्मनी में 32 साल का युवा पेट से दुर्लभ कैंसर से जूझ रहा था। उसके पेट के ट्यूमर को निकालने के लिए 53 वर्षीय एक सर्जन ने ऑपरेशन किया। जब डॉक्टर कैंसर पेशेंट का ऑपरेशन कर रहे थे तभी उनके हाथ में छोटा सा कट लग गया। उस कट में तुरंत दवाई लगाकर उसमें पट्टी बांधी गई, लेकिन बात यहां खत्म नहीं हुई। इस घटना के लगभग 5 महीने बाद डॉक्टर के हाथ में उसी जगह एक गांठ पड़ गई, जहां कैंसर के मरीज का ऑपरेशन करते हुए उसे कट लगा था। जब उस गांठ की जांच कराई गई तो पता चला कि वो एक घातक ट्यूमर है जो धीरे-धीरे बढ़ रहा है और यह उसी प्रकार का दुर्लभ कैंसर था जिससे वो मरीज ग्रसित था।
मेडिकल भाषा में कहते हैं ‘मैलिग्नेंट फायब्रस हिस्टियोसाइटोमा’
डॉक्टर के शरीर में पाए गए ट्यूमर की जब और जांच कराई गई तो साफ हो गया कि यह ट्यूमर मरीज के कैंसर से जुड़े ट्यूमर सेल्स के कारण ही हुआ है। हालांकि उस डॉक्टर के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया और दो साल बाद भी उनके शरीर में कैंसर सेल दोबारा नहीं बनी। इस दुर्लभ प्रकार के कैंसर को मेडिकल जगत की भाषा में ‘मैलिग्नेंट फायब्रस हिस्टियोसाइटोमा’ कहा जाता है, जो सॉफ्ट टिशू में विकसित होता है। अब मेडिकल जगत में इस मामले को लेकर शोध चल रहा है।