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Thailand PM Paetongtarn Shinawatra Suspended : थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा को पद से किया गया निलंबित, फोन कॉल बनी वजह

Thailand’s PM Paetongtarn Shinawatra Suspended : पेटोंगटार्न के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका दायर की गई थी जिसे थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया और उनके खिलाफ 7-2 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया। माना जा रहा है कि थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री को कार्यवाहक पीएम बनाया जा सकता है।

नई दिल्ली। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा को उनके पद निलंबित कर दिया गया है। एक फोन कॉल के लीक होने के चलते उनके ऊपर यह एक्शन लिया गया है। दरअसल पेटोंगटार्न शिनावात्रा ने कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अंकल कह कर संबोधित किया। इतना ही नहीं कंबोडिया और थाईलैंड के बीच जारी सीमा विवाद के लिए पेटोंगटार्न शिनावात्रा ने अपने देश के एक सैन्य अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया था। थाई पीएम की कंबोडियाई नेता के साथ हुई बातचीत लीक हो गई जिसके बाद थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने पीएम के खिलाफ जांच का आदेश देते हुए उनको अस्थायी रूप से पद से निलंबित कर दिया है।

थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेटोंगटार्न शिनावात्रा और कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन (फाइल फोटो)

इस मामले में पेटोंगटार्न के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप वाली याचिका दायर की गई थी जिसे थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। अदालत ने 7-2 के बहुमत से अपना फैसला सुनाते हुए पेटोंगटार्न   शिनावात्रा को प्रधानमंत्री पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। जब तक उनके खिलाफ जांच जारी है वो पद से निलंबित रहेंगी। माना जा रहा है कि थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री को कार्यवाहक पीएम बनाया जा सकता है। इस पूरे मामले पर पेटोंगटार्न  शिनावात्रा की ओर से खुद कोई बयान जारी नहीं किया गया है बल्कि उनके प्रवक्ता ने कहा कि अदालत की कार्यवाही का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री जांच में पूरा सहयोग करेंगी।

पेटोंगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनावात्रा की बेटी हैं। थाक्सिन को साल 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। वहीं हुन सेन की बात करें तो उनका नाम कंबोडिया के बड़े राजनीतिक नेताओं में शुमार है। हुन सेन 1985 से 1993 और फिर 1998 से 2023 तक कंबोडिया के प्रधानमंत्री पद पर आसीन रह चुके हैं। उन्होंने अगस्त 2023 में अपने बेटे हुन मानेट को सत्ता सौंप दी थी।