नई दिल्ली। पॉलिटिक्स में लोग क्या क्या नहीं करते हैं, भारत में सियासी दुनिया में आपने आरोप-प्रत्यारोप, गाली-गलोच तक होती देखी होगी। एक दूसरे के ऊपर पर्सनल टिप्पणी करते हुए भी नेताओं को सुना होगा। पोस्टर वॉर देखा होगा। लेकिन इस खबर में हम आपको एक ऐसे पॉलिटिकल ऐड के बारे में बताने जा रहे हैं जो शायद अपने कभी कहीं नहीं देखा होगा, न कभी ऐसा कुछ सुना होगा। ये अमेरिका की फ्रीडम ऑफ़ स्पीच का सबसे अच्छा उदाहरण भी हो सकता है और भारत जैसे देश में यदि कोई एक सियासी पार्टी किसी दूसरे दल के लिए कोई ऐसा पोलिटिकल एड बना दे तो बवाल ही मच जाए। मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाए। ट्विटर पर सियासी संग्राम छिड़ जाए। लेकिन यहां कुछ ऐसा नहीं होता। ये अमेरिका है जनाब… चलिए अब बहुत हो गयी भूमिका आपको असली खबर बताते हैं और वो वीडियो भी दिखाते हैं जिसके लिए आप यहां पहुंचे हैं…
इस अजीबोगरीब विज्ञापन में एक पुरुष और महिला केवल अंडरवियर पहने हुए, बिस्तर पर जोश के साथ किसिंग और इंटिमेट सीन कर रहे हैं। “क्या आपके पास कंडोम है?” महिला पूछती है। इस पर उसका पार्टनर कहता है, ”हां है” और पास के नाइटस्टैंड की दराज खोलता है, कंडोम तक पहुंचता है। अचानक, एक हाथ कंडोम छीन लेता है, जिससे कपल चिल्लाने लगते हैं और चादर ओढ़ लेते हैं। कैमरा एक अधिक उम्र के, सफेद बालों वाले आदमी की ओर मूव होता है, जो डरकर कहता है, “माफ़ कीजिये, आप कंडोम को यूज नहीं कर सकते।”
“आप किस बारे में बात कर रहे हैं? आप कौन हैं?” महिला उस व्यक्ति से पूछती है। इसपर उनके पास एक कुर्सी पर बैठा वह व्यक्ति कहता है कि “मैं आपका रिपब्लिकन कांग्रेसी हूं। अब जब हम प्रभारी हैं, तो हम जन्म नियंत्रण पर प्रतिबंध लगा रहे हैं”
इसपर बेड पर लेटी महिला कहती है “यह हमारा निर्णय है, आपका नहीं! हमारे बैडरूम से बाहर निकलो!” इसपर नेताजी कहते हैं, ”मैंने पिछला चुनाव जीता था। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं।” “मैं बस देखने जा रहा हूं और सुनिश्चित करूंगा कि आप कुछ भी इल्लीगल नहीं करें।” अपने बैडरूम से बाहर निकलें। 8 अगस्त को वोट दें। ये अजीबो-गरीब पॉलिटिकल एड वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। एक भारतीय यूजर ने ट्विटर पर इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा- पॉलिटिकल ऐड का ऐसा प्रकार देख रहा हूं पहली बार…
पॉलिटिकल ऐड का ऐसा प्रकार देख रहा हूं पहली बार… pic.twitter.com/pDcomffbrU
— Madhurendra kumar मधुरेन्द्र कुमार (@Madhurendra13) July 15, 2023
क्या है पूरा मामला ?
8 अगस्त को ओहियो में एक विशेष चुनाव होगा जहां मतदाता अंक 1 नामक एक मुद्दे पर फैसला करेंगे। रिपब्लिकन इस प्रस्ताव के पीछे हैं, और इसका मुख्य लक्ष्य मतदाताओं के लिए ओहियो संविधान में संशोधन करना और अधिक कठिन बनाना है। अभी, संविधान में कोई भी बदलाव साधारण बहुमत से पारित हो सकता है, जिसका अर्थ है कि 50% +1 वोट प्राप्त करना जीतने के लिए पर्याप्त है। हालाँकि, यदि अंक 1 पारित हो जाता है, तो नए नियम के लिए संविधान में भविष्य में किसी भी संशोधन के लिए 60% वोटों की उच्च सीमा की आवश्यकता होगी। इस परिवर्तन का उन विभिन्न पहलों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा जिन्हें मतदाता पारित करना चाहेंगे। उदाहरण के लिए, आगामी नवंबर चुनाव में मतदाताओं द्वारा तय किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों में से एक राज्य में गर्भपात को वैध बनाना है। यदि मुद्दा 1 पारित हो जाता है, तो संविधान में ऐसे संशोधन को सफल होना बहुत कठिन हो जाएगा, क्योंकि इसके लिए साधारण बहुमत के बजाय 60% वोट प्राप्त करने की आवश्यकता होगी।