newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू पुजारी की हत्या और मंदिर में लूटपाट, धार्मिक अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार पर आंखें मूंद कर बैठी यूनुस सरकार

Bangladesh: रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर के सेवायत तरुण चंद्र दास का शव श्मशान में उनके हाथ-पैर बंधे हुए हालत में पाया गया। आईएसकेकॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि पुजारी को मारने से पहले टॉर्चर किया गया था। बदमाशों ने मंदिर में कीमती सामान भी लूट लिए।

नई दिल्ली। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में नाटोर जिले के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान मंदिर में हिंदू पुजारी की निर्मम हत्या और मंदिर में लूटपाट का मामला सामने आया है। इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय समुदाय को हिला दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है।

पुजारी की बेरहमी से हत्या

रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर के सेवायत तरुण चंद्र दास का शव श्मशान में उनके हाथ-पैर बंधे हुए हालत में पाया गया। ISKCON कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने बताया कि पुजारी को मारने से पहले टॉर्चर किया गया था। बदमाशों ने मंदिर में कीमती सामान भी लूट लिए। राधारमण दास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर घटना से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “बांग्लादेश के नाटोर के काशिमपुर सेंट्रल श्मशान मंदिर पर हमले की खबर स्तब्ध करने वाली है। पुजारी तरुण चंद्र दास की निर्मम हत्या और मंदिर में लूटपाट से यह स्पष्ट है कि यहां हिंदू समुदाय कितना असुरक्षित है। यहां तक कि हिंदू श्मशान भी सुरक्षित नहीं हैं।”


पुलिस पर आरोप

स्थानीय पुलिस ने इसे एक साधारण डकैती का मामला बताया है। हालांकि, ISKCON ने पुलिस पर कट्टरपंथियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश में कई मामलों में पुलिस की निष्क्रियता ने अल्पसंख्यक समुदाय को असुरक्षित बना दिया है।

अल्पसंख्यकों पर लगातार बढ़ते हमले

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। आईएसकेकॉन कोलकाता के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में विफल रही है।

आर्थिक और सांस्कृतिक संपत्ति पर हमले

इस घटना में न सिर्फ पुजारी की हत्या की गई, बल्कि मंदिर की आर्थिक और सांस्कृतिक संपत्ति को भी निशाना बनाया गया। मंदिर से लूटे गए सामान का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। ISKCON ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है। प्रवक्ता राधारमण दास ने कहा, “हमारी मांग है कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर सख्त से सख्त सजा दी जाए।”