
नई दिल्ली। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध का सिलसिला लगातार तेज हो रहा है। दोनों पक्षों की ओर से कई लोग इस युद्ध की विभीषिका की जद में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं, तो वहीं कई लोग अभी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। वहीं, युद्धग्रस्त इजराइल में फंसे लोगों की सकुशल स्वदेश वापसी के लिए भारत सरकार की ओर से अजय अभियान शुरू किया गया है। इसे लेकर आज बैठक भी हुई। बताया गया है कि कल रात तक 2 बजे इजराइल में फंसे भारतीयों का पहला जत्था अपनी सरजमीं पर कदम रखा चुका होगा। एक आंकड़े के मुताबिक, इजराइल में 80 हजार हिंदुस्तानी मूल के यहूदी रहते हैं, जो कि 50 और 60 के दशकों में इजराइल में जाकर बस गए थे। इन्हें वहां पर बने हुए यहूदी कहकर संबोधित किया जाता है। ऐसे यहूदियों को वहां पर बहुत सम्मानित किया जाता है। इसमें आमतौर पर केरल, मणिपुर और मिजोरम के लोग शामिल हैं। इससे पहले भारत की ओर से इजराइल में फंसे भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी। वहीं, आज इस मुद्दे पर केंद्रीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कांफ्रेंस कर मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। आइए, आगे कि रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
दरअसल, अरिंदम बागची ने कहा कि, ‘ऑपरेशन अजय इजराइल में फंसे भारतीयों के लिए हितकारी साबित हो सकती है। इजराइल में फंसे भारतीयों को वापस लेने के लिए आज पहला चार्टर प्लेन तेल अवीव पहुंचेगी। हमारा मकसद है कि जो लोग युद्धग्रस्त भूमि में फंसे हुए हैं, उन्हें सकुशल भारत वापस लाया जाए। वहीं, विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि अभी तक किसी के भी मारे जाने की खबर नहीं है। हालांकि, युद्ध में अभी तक दोनों पक्षों की ओर से हजारों लोग मारे जा चुके हैं। इजराइल में रहने वाले लोगों को केंद्र सरकार की ओर से यह संदेश दिया गया है कि उन्हें किसी भी प्रकार से घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, भारतीय राजदूत संजीव सिंगला ने अपने बयान में कहा कि हम मौजूदा स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए हम चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच पिछले 6 दिनों से युद्ध का सिलसिला जारी है। इस युद्ध की जद में आकर अब तक हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, तो कई लोग अभी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हमले ने इजराइल में तबाही मचा दी है। हालांकि, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलिस्तीन को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।