जब सोशल मीडिया ऐप्स की बात की जाए तो फेसबुक का नाम जरूर आता है। ज्यादातर लोग अपने फ्री टाइम में इसे चलाना पसंद करते हैं लेकिन सोचिए तब क्या हो जब आप जैसे ही फेरबुक ओपन करें और कोई आपको थप्पड़ मार दे। आपको कैसा लगेगा। शायद आपको गुस्सा आएगा लेकिन एक शख्स जिसका नाम मनीष सेठी है उसने खास फेसबुक की लत को छुड़ाने के लिए एक महिला को नौकरी पर रखा है। जो उसे फेसबुक चलाने पर थप्पड़ मार देती है। दरअसल, मनीष सेठी नाम का ये शख्स जिसने अपनी फेसबुक चलाने और समय बर्बाद करने की आदत छुड़ाने के लिए महीला को रखा है वो पेशे से भारतीय-अमेरिकी उद्यमी हैं। सेठी की कंपनी पावलोक जिम, मेडिटेशन से जुड़े डिवाइस बनाती है। मनीष सेठी ने जिस महिला को फेसबुक की लत को छुड़ाने के लिए नौकरी पर रखा है उसका नाम कारा है।
??
— Elon Musk (@elonmusk) November 10, 2021
फेसबुक खोलने पर पड़ता है जोरदार थप्पड़
मनीष सेठी की मानें तो वो जब भी फेसबुक को खोलने की कोशिश करते हैं कारा जिन्हें उसने नौकरी पर रखा है वो उन्हें जोरदार थप्पड़ मार देती है। कारा को अपने इस अनोखे काम के लिए 8 डॉलर (करीब 600 रुपए) प्रति घंटे मिलते हैं। फेसबुक की लत छुड़ाने वाली इस अजीबोगरीब नौकरी पर अब दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी और टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क ने रिएक्शन दिया है। मस्क ने इस वायरल खबर पर दो ‘फायर’ इमोजी का इस्तेमाल करके इस पर प्रतिक्रिया दी है।
I’m the guy in this picture. Is @elonmusk giving me two emojis the highest I’ll ever reach? Is this my icarus flying too close to the sun moment? Was that implied by the fire symbols elon posted? Time will tell.
— Maneesh Sethi (@maneesh) November 10, 2021
एलन मस्क के इस खबर पर दिए गए रिएक्शन के बाद मनीष सेठी इस पर रिप्लाई भी किया है। सेठी ने रिप्लाई करते हुए लिखा, ‘एलन मस्क के शेयर के बाद शायद मेरी रीच अब ज्यादा हो जाएगी मैं इस तस्वीर का लड़का हूं।”
महिला को नौकरी रखने से काम की क्षमता 98% हुई
मनीष सेठी ने फेसबुक की लत को छुड़ाने के लिए थप्पड़ वाला प्रयोग 9 साल पहले किया था। साल 2012 के विज्ञापन में सेठी ने लिखा था, “जब मैं समय बर्बाद कर रहा हूं, तो आपको मुझ पर चिल्लाना होगा या जरूरत पड़ने पर मुझे थप्पड़ मारना होगा।” मनीष सेठी का कहना है कि कारा के थप्पड़ मारने से उनके काम करने की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। पहले ज्यादातर दिनों में उनकी औसतन काम करने की क्षमता 35-40% थी लेकिन कारा के थप्पड़ पड़ने के बाद उनकी काम की क्षमता बढ़कर 98% हो गई।