
नई दिल्ली। पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार और लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंध प्रांत के तंदो अल्लाहयार जिले में अलग-अलग हिंदू परिवारों की तीन नाबालिग लड़कियों को जबरन अगवा कर लिया गया। उसके बाद जबर्दस्ती उनका धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर उसी दिन इन तीनों की शादी मुसलमान युवकों के साथ करा दी गई। पीड़ित नाबालिग हिंदू लड़कियों के परिवारवालों ने सुल्तानाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। आजतक की खबर के अनुसार लड़कियों के परिवारवालों ने थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए अपहरणकर्ताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार किए जाने की मांग उठाई।
हिंदू परिवारों ने कहा कि जब तक पुलिस उनके घर की लड़कियों का अपहरण कर धर्मपरिवर्तन कराने वालों को गिरफ्तार नहीं करती तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। जब पुलिस ने उनको आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी की गिरफ्तारी होगी तब पीड़ित परिवार के लोग माने और थाने से वापस गए। इस बीच सिंध के मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन इकबाल अहमद देथो ने एसएसपी को इस पूरी घटना के संबंध में एक पत्र लिखा। उन्होंने तीनों लड़कियों का धर्मांतरण कराए जाने के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियों की उम्र को लेकर भी सही तरीके से जांच होनी चाहिए। अगर लड़कियां नाबालिग पाई जाती हैं तो उनकी शादी को सिंध चाइल्ड मैरिज रेस्ट्रेंट एक्ट, 2013 के तहत अवैध घोषित किया जाए।
लड़कियों के दावे के बाद पेचीदा हुआ मामला
उधर सिंध कोर्ट में तीनों लड़कियां अपने अपने पतियों के साथ उपस्थित हुईं और उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन कर शादी की है। इसके बाद यह मामला और पेचीदा हो गया। फिलहाल पुलिस पूरे केस की पड़ताल कर रही है कि लड़कियों ने किसी दबाव में आकर बयान तो नहीं दिया। आपको बता दें कि यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जब हिंदू अल्पसंख्यक लड़की का धर्मपरिवर्तन या जबरन उसकी शादी मुस्लिम के साथ कराई गई हो। पहले भी ऐसे बहुत से मामले सामने आ चुके हैं। खासतौर से सिंध प्रांत में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव की घटनाएं आम हैं।